CS Setty, chairman, State Bank of India, speaking at Business Standard BFSI Summit 2025
BFSI Summit 2025: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सी. एस. सेट्टी (SBI Chairman Setty) ने BFSI समिट में कहा कि अब बैंक एमएसएमई को लोन देने को लेकर पहले से अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज बेहतर डेटा उपलब्ध होने और स्पष्ट लेंडिंग मॉडल तैयार होने के चलते जोखिम कम हुआ है और बैंकिंग सिस्टम अधिक पारदर्शी हुआ है। सेट्टी ने आगे कहा कि चालू और बचत खातों (CASA) पर शेयर बाजारों में बढ़ते निवेश और फिक्स्ड डिपॉजिट की बढ़ती ब्याज दरों का नकारात्मक असर देखा जा रहा है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025 में बिजनेस स्टैंडर्ड के कंसल्टिंग एडिटर तमाल बंद्योपाध्याय के साथ बातचीत में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीक, उत्पाद और मानव संसाधन के मामले में अब सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं बचा है। सेट्टी के अनुसार एसबीआई की डिपॉजिट्स 1.6 गुना बढ़ी हैं, जबकि म्यूचुअल फंड में निवेश तीन गुना की तेज रफ्तार से बढ़ा है। आज दुनिया भर में बैंकों की बैलेंस शीट पर बाजार से लिए गए उधार का योगदान बढ़ रहा है।
कैपेक्स पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जैसे ही घरेलू उपभोग और मांग में तेजी दिखेगी, उद्योगों का पूंजी निवेश स्वाभाविक रूप से बढ़ने लगेगा। उन्होंने इसे आर्थिक संरचना में आ रहे बड़े बदलाव का संकेत बताया। सेट्टी का कहना है कि एसबीआई लगातार परिवर्तन के दौर से गुजरते देश की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए नवाचार और तकनीकी प्रगति पर जोर दे रहा है।
सेट्टी ने बताया कि बैंक की कई सहायक कंपनियां हैं, जिनमें SBI म्यूचुअल फंड और SBI जनरल इंश्योरेंस भविष्य में शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा, “ये दोनों सब्सिडियरी निश्चित रूप से लिस्ट होंगी। लेकिन समय अभी तय नहीं कहा जा सकता।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल दोनों कंपनियां वित्तीय रूप से मजबूत हैं और उन्हें किसी तत्काल पूंजी की जरूरत नहीं है। सेट्टी ने कहा, “उचित समय आने पर हम इन्हें मार्केट में लाएंगे, जिससे आम शेयरधारकों के लिए अवसर और निवेशकों के लिए अधिक मूल्य निर्माण संभव हो सके।”
एसबीआई चेयरपर्सन सी एस सेट्टी ने बताया कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर (Attrition Rate) बेहद कम है। एसबीआई में यह दर 0.5% से भी नीचे रहती है। इसका कारण बेहतर प्रशिक्षण और कर्मचारियों में काम को लेकर मजबूत जुड़ाव है।
उन्होंने बताया कि एसबीआई हर साल लगभग ₹550 करोड़ ट्रेनिंग पर खर्च करता है और हर कर्मचारी को करीब 60 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने कहा, “हम अपने लोगों में निवेश करते हैं, सिर्फ एसबीआई के लिए नहीं, बल्कि पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए।”
सेट्टी ने यह भी कहा कि बैंक में करियर के कई मौके मिलते हैं, जिससे कर्मचारी जुड़े रहते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अपने 37 साल के करियर में मैंने 20 से ज्यादा अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं- छोटी शाखाओं से लेकर न्यूयॉर्क ऑफिस तक। यही अनुभव कर्मचारियों को प्रेरित और उत्साहित करता है।”
भारत के सबसे बड़े BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) मंचों में से एक ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025’ का आयोजन 29 से 31 अक्टूबर तक मुंबई में होगा। इस तीन दिवसीय समिट में देश के प्रमुख नीति निर्माताओं, नियामकों और वित्तीय क्षेत्र के शीर्ष नेतृत्व को एक मंच पर लाया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य भाषण, पैनल चर्चाओं और फायरसाइड चैट के माध्यम से भारत के वित्तीय तंत्र के भविष्य पर व्यापक संवाद होगा। 120 से अधिक विशेषज्ञ वक्ताओं की मौजूदगी इस समिट को खास बनाएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव एम. नागराजु के साथ बातचीत से होगी। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी. एस. सेटी फायरसाइड चैट में हिस्सा लेंगे। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. आनंद नागेश्वरन भी इस दौरान अपने विचार साझा करेंगे।
समिट में बैंकिंग, बीमा, म्यूचुअल फंड, फिनटेक और हाउसिंग फाइनेंस जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों पर थीमैटिक सत्र आयोजित होंगे। इसमें भारत के वित्तीय क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों और नए अवसरों पर रोशनी डाली जाएगी। इस कार्यक्रम का आकर्षण होगा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता के साथ फायर साइड कन्वर्सेशन- मॉनेटरी पॉलिसी का जिम्मा संभालने के बाद उनकी यह पहली मीडिया बातचीत होगी।