भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी का मानना है कि लघु वित्त क्षेत्र में हासिल अनुभव को आधार बनाते हुए लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को सार्वभौम बैंक बनने के बजाय वित्तीय दिग्गज बनने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए। गांधी ने बुधवार को बिजऩेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई सम्मेलन के एसएफबी सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एसएफबी के पास निवेश एवं बीमा सेवाएं देने की काफी गुंजाइश है और उन्हें इसके आधार पर वित्तीय क्षेत्र में ही मुकाम बनाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, च्एसएफबी को मेरा यही सुझाव है कि वे सार्वभौम बैंक बनने और सभी तरह के बैंकिंग कारोबार में उतरने के बजाय वित्तीय दिग्गज बनने पर ध्यान दें। आपको अर्थव्यवस्था में एक खास और अहम भूमिका निभाते हुए बड़ा बनना चाहिए। इस तरह वे अपने हितधारकों की भी बेहतर सेवा कर पाएंगे। गांधी ने कहा कि पिछले प्रदर्शन को देखें तो लघु वित्त बैंक बड़े रूप में विकसित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, च्अगर वे एक सार्वभौम बैंक के तौर पर विकसित होना चाहते हैं तो वे पहले ही बुनियादी पूंजी जरूरत को हासिल कर चुके हैं। लेकिन उन्होंने एसएफबी को आगाह करते हुए कहा कि एक बार सार्वभौम बैंक बनते ही उन्हें बैंकिंग नियमों का सख्त अनुपालन भी करना होगा, उनके लिए बेसल-3 मानकों पर खरा उतरने का बोझ होगा।