राजनीति

भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर 10वें स्थान से बढ़कर शीर्ष पांच में पहुंच गई है।

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भाषा   
Last Updated- August 11, 2025 | 9:28 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है और यह गति ‘सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन’ की भावना से हासिल की गई है। मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर 10वें स्थान से बढ़कर शीर्ष पांच में पहुंच गई है और तेजी से शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था पर निशाना साधने के कुछ दिन बाद आई है। यहां बेंगलुरु मेट्रो चरण-3 परियोजना की आधारशिला रखने और तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने तथा मेट्रो रेल ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विभिन्न क्षेत्रों में विकास को रेखांकित किया और कहा कि ऐसी उपलब्धियों ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत किया है। उन्होंने कहा, ‘हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें यह गति कैसे मिली? हमें यह सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की भावना से मिली है।’

मेट्रो रेल नेटवर्क 24 शहरों में 1,000 km से अधिक तक फैला

बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में मेट्रो रेल सेवाएं सिर्फ पांच शहरों तक ही सीमित थीं। उन्होंने कहा कि आज, मेट्रो रेल नेटवर्क 24 शहरों में 1,000 किलोमीटर से अधिक तक फैला हुआ है, जिससे भारत विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से 2014 तक सिर्फ 20,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हुआ था। उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 तक केवल 11 वर्षों में यह बढ़कर 40,000 किलोमीटर हो गया है। इसी तरह, 2014 में देश में 74 हवाई अड्डे थे, जो आज 160 से ज्यादा हैं तथा राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या भी केवल तीन से बढ़कर 30 हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे राष्ट्र तेजी से प्रगति कर रहा है, गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों का जीवन भी उसी गति से बदल रहा है। मोदी ने कहा, ‘2014 से पहले कुल निर्यात 468 अरब अमेरिकी डॉलर था, लेकिन आज यह 824 अरब अमेरिकी डॉलर है। हम मोबाइल फोन का आयात करते थे, लेकिन अब हम मोबाइल हैंडसेट के शीर्ष पांच निर्यातकों में शामिल हैं। 2014 से पहले हमारा इलेक्ट्रॉनिक निर्यात छह अरब अमेरिकी डॉलर था, जो बढ़कर 38 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।’ उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात 16 अरब अमेरिकी डॉलर था और अब यह दोगुने से भी अधिक है, जिससे भारत विश्व स्तर पर चौथा प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्यातक बन गया है।

अगली बड़ी प्राथमिकता तकनीक में आत्मनिर्भरता

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये उपलब्धियां हमारी आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को बल देती हैं। हम एक साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे और एक विकसित भारत का निर्माण करेंगे।’ उन्होंने कहा कि अगली बड़ी प्राथमिकता तकनीक में आत्मनिर्भरता होनी चाहिए। मोदी ने कहा कि भारतीय तकनीकी कंपनियों ने पूरी दुनिया के लिए सॉफ्टवेयर और उत्पाद विकसित करके वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उभरते क्षेत्रों में अग्रणी बनने के लिए केंद्रित प्रयासों की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ और विनिर्माण क्षेत्र में बेंगलुरु और कर्नाटक की उपस्थिति को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के उत्पादों को ‘शून्य दोष, शून्य प्रभाव’ मानक का पालन करना चाहिए, अर्थात उनकी गुणवत्ता दोषरहित होनी चाहिए और पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालना चाहिए।

First Published : August 11, 2025 | 9:28 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)