बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर विपक्षी दलों के जोरदार विरोध और संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के बीच, लोकसभा ने सोमवार को दो अहम खेल संबंधी विधेयकों को मंजूरी दे दी। ये विधेयक हैं – राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक (The National Sports Governance Bill) और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक (The National Anti-Doping (Amendment) Bill)।
सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान जब लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे पुनः शुरू हुई, तो पहले ही हंगामे के कारण सदन एक बार स्थगित किया जा चुका था। कार्यवाही फिर शुरू होते ही इन दोनों विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया गया।
हालांकि उस समय विपक्ष के अधिकांश सांसद सदन में मौजूद नहीं थे, क्योंकि वे बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के खिलाफ चुनाव आयोग की ओर मार्च कर रहे थे और उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची में व्यापक हेरफेर की जा रही है और सत्तारूढ़ दल इसके जरिए चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।
जब तक दोनों विधेयकों पर चर्चा पूरी हुई और उन्हें आवाज मत (voice vote) से पारित कर दिया गया, तभी विपक्षी सांसद लौटे और उन्होंने सदन में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच, लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम 4 बजे तक स्थगित कर दी।
1. राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक (The National Sports Governance Bill):
यह विधेयक देश में खेल संगठनों और राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए एक統ित और पारदर्शी शासन ढांचे की स्थापना की दिशा में उठाया गया कदम है। इसका उद्देश्य खेल प्रशासन में जवाबदेही, पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। इसमें खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा और खेल संघों के कामकाज में सुधार के प्रावधान शामिल हैं।
2. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक (The National Anti-Doping (Amendment) Bill):
यह विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) की भूमिका और अधिकारों को और स्पष्ट करता है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप परीक्षण प्रक्रिया, निष्पक्ष अपील तंत्र और डोपिंग के मामलों में समयबद्ध निपटान की बात कही गई है। यह भारत को वर्ल्ड एंटी-डोपिंग कोड के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद करेगा।
विपक्ष का कहना है कि सरकार जानबूझकर ऐसे महत्वपूर्ण विधेयकों को हंगामे के बीच पारित करा रही है, जब संसद में चर्चा और बहस संभव नहीं है। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह “लोकतंत्र की नींव पर हमला” है।
कांग्रेस, राजद, जेडीयू, सीपीआई(एम) सहित कई दलों ने चुनाव आयोग की ओर मार्च किया, लेकिन उन्हें दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग पर ही रोककर हिरासत में ले लिया। इसके बाद सांसदों ने लोकसभा लौटकर सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
सरकारी पक्ष की ओर से अभी तक इन विधेयकों के पारित होने पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन संसदीय सूत्रों के मुताबिक, सरकार इन विधेयकों को मानसून सत्र के दौरान ही पारित करवाने के लिए प्रतिबद्ध थी। उनका मानना है कि ये विधेयक भारतीय खेल व्यवस्था और खिलाड़ियों के हितों के लिए बेहद जरूरी हैं।
लोकसभा में दो महत्वपूर्ण खेल विधेयक उस समय पारित किए गए जब सदन विपक्ष के भारी विरोध और गैर-मौजूदगी से जूझ रहा था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए ये विधेयक पास कराए हैं। वहीं सरकार इन कानूनों को भारतीय खेलों के भविष्य के लिए एक बड़ा सुधार मान रही है। आने वाले दिनों में राज्यसभा में भी इन विधेयकों पर चर्चा होनी बाकी है, जहां इन पर व्यापक बहस की संभावना है।
In Parliament: संसद में वित्त राज्यमंत्री ने स्वीकारा, 5 साल में पकड़ी ₹7 लाख करोड़ की GST चोरी