अर्थव्यवस्था

In Parliament: क्या है भारत का ‘Nuclear Energy Mission’; 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता का है लक्ष्य

देश में वर्तमान में 24 परमाणु रिएक्टर चालू हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 8780 मेगावाट है।

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निमिष कुमार   
Last Updated- August 06, 2025 | 8:08 PM IST

भारत सरकार ने “विकसित भारत” मिशन के तहत वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट (GW) की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह कदम देश को वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस मिशन के तहत परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाया जाएगा, जिसमें न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन होगा और यह फॉसिल फ्यूल आधारित बेस लोड की जगह लेगा।

जानें Nuclear Energy Mission की खास बातें:

  • बड़े और छोटे परमाणु संयंत्रों की स्थापना ग्रीन फील्ड, ब्राउन फील्ड, कैप्टिव उपयोग और दूरदराज़ के क्षेत्रों में ऑफ-ग्रिड उपयोग के लिए की जाएगी।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • स्वदेशी तकनीक से Small Modular Reactors (SMRs) का अनुसंधान एवं विकास किया जा रहा है।
  • तीन SMR डिज़ाइन पर कार्य चल रहा है:
    1. 200 MWe भारत SMR
    2. 55 MWe SMR
    3. 5 MWth हाई टेम्परेचर गैस कूल्ड रिएक्टर (हाइड्रोजन उत्पादन के लिए)

इन डेमो रिएक्टरों को 60 से 72 महीनों में निर्मित किया जाएगा। इन्हें NPCIL के सहयोग से DAE साइट्स पर लगाया जाएगा।

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भारत की नाभिकीय ऊर्जा शक्ति- 24 परमाणु रिएक्टर, कुल स्थापित क्षमता 8780 मेगावाट

देश में वर्तमान में 24 परमाणु रिएक्टर चालू हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 8780 मेगावाट है। इनमें RAPS-1 (100 MW) शामिल नहीं है, जो लंबे समय से बंद है। इनमें से 4 रिएक्टर (Tarapur 1&2, Madras 1 और Kaiga 1) को अपग्रेड और मरम्मत के लिए प्रोजेक्ट मोड में रखा गया है।

कहां बन रहे है हमारे परमाणु रिएक्टर:

  • रावतभाटा (राजस्थान) – RAPP-8 (1×700 MW)
  • कुडनकुलम (तमिलनाडु) – KKNPP-3&4, 5&6 (4×1000 MW)
  • कलपक्कम (तमिलनाडु) – PFBR (1×500 MW, BHAVINI द्वारा)
  • गोरखपुर (हरियाणा) – GHAVP-1&2 (2×700 MW)

कहां बनेंगे नाभिकीय रिएक्टर:

  • मैही-बांसवाड़ा (राजस्थान) – 4×700 MW
  • चुटका (मध्य प्रदेश) – 2×700 MW
  • काइगा (कर्नाटक) – 2×700 MW
  • GHAVP-3&4 (हरियाणा) – 2×700 MW

2032 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22,380 मेगावाट तक पहुँचने की संभावना है। इसके बाद अगले दो दशकों में विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से 100 GW के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।

देश में अब तक 4,33,800 टन यूरेनियम ऑक्साइड (U₃O₈) का इन-सिटू भंडार 47 क्षेत्रों में पाया गया है, जिनमें झारखंड, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना आदि राज्य शामिल हैं।

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परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता

परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सभी रिएक्टरों को “डिफेंस इन डेप्थ”, रेडंडेंसी, डायवर्सिटी और फेल-सेफ डिज़ाइन के सिद्धांतों के अनुसार बनाया गया है। संचालन प्रशिक्षित और लाइसेंस प्राप्त कर्मियों द्वारा तयशुदा प्रक्रियाओं के अनुसार किया जाता है। सुरक्षा की निगरानी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB) द्वारा की जाती है।

क्यों हो रही है हरियाणा की गोरखपुर नाभिकीय परियोजना में देरी:

हरियाणा की गोरखपुर नाभिकीय रिएक्टर परियोजना में स्थानीय मिट्टी की स्थिति के कारण निर्माण में देरी हुई है। मिट्टी सुधार कार्य और तकनीकी समाधान के लिए विशेषज्ञ परामर्श लिया गया है। सभी बड़े उपकरणों और कार्य पैकेजों का ऑर्डर दे दिया गया है और निर्माण कार्य प्रगति पर है। मुख्य परमाणु द्वीप (Nuclear Island) का निर्माण आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद पूर्ण रूप से शुरू किया जाएगा।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा कि भारत का यह परमाणु ऊर्जा मिशन न केवल ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देगा, बल्कि पर्यावरण की रक्षा और औद्योगिक व परिवहन क्षेत्रों में डिकार्बनाइजेशन के लिए भी एक बड़ा कदम साबित होगा। निजी निवेश, अत्याधुनिक तकनीक और स्थायी सुरक्षा प्रणाली के साथ यह मिशन “विकसित भारत” की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

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First Published : August 6, 2025 | 8:03 PM IST