विदेश मंत्रालय के अनुसार, 1 जुलाई 2025 तक 6,774 भारतीय कामगार इज़राइल पहुंच चुके हैं। इनमें से 6,730 कामगार निर्माण क्षेत्र में और 44 भारतीय देखभाल (केयरगिवर) के कार्य में लगे हैं। इन्हें 195 इज़राइली कंपनियों में नियुक्त किया गया है और न्यूनतम वेतन का भुगतान इज़राइल सरकार के नियमों के अनुरूप किया जा रहा है।
इज़राइल में भारतीय दूतावास इन कामगारों के संपर्क में है और उनकी सुरक्षा व कल्याण के लिए नियमित कांसुलर विज़िट्स करता है। साथ ही, 24 घंटे की हेल्पलाइन भी चलाई जा रही है, जहां भारतीय कामगार सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं। ये जानकारी भारत के विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने मॉनसून सत्र के दौरान संसद में दी।
विदेश राज्यमंत्री ने संसद में बताया कि भारत और इज़राइल के बीच 2022 में सुरक्षित, सुव्यवस्थित और कानूनी प्रवासन के लिए द्विपक्षीय ढांचा समझौते पर वार्ता शुरू हुई थी। इसके तहत नवंबर 2023 में हस्ताक्षरित फ्रेमवर्क एग्रीमेंट और इंप्लीमेंटेशन प्रोटोकॉल के तहत भारतीय कामगारों को इज़राइली नागरिकों के समान श्रम अधिकार, उचित आवास, स्वास्थ्य बीमा और सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था की गई।
कुछ भारतीय कामगारों ने शिकायत की थी कि उन्हें वादा की गई नौकरियों में नहीं लगाया गया। दूतावास ने इन मामलों को इज़राइली अधिकारियों के साथ उठाया और समस्याओं का समाधान किया गया। लगभग 220 भारतीय कामगार भारत लौट आए हैं, जिनके पीछे मुख्य कारण कौशल का मेल न होना (स्किल मिसमैच) और भाषाई बाधाएं रही हैं।
(विदेश मंत्रालय, संसदीय जनसंपर्क प्रभाग से इनपुट के साथ)