प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के प्रसार को रोकने पर काम कर रही हैं, जिसने भारत के डेरी क्षेत्र को प्रभावित किया है।
इंटरनैशनल डेरी फेडरेशन (आईडीएफ) के विश्व डेरी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एलएसडी के लिए स्वदेशी टीके का विकास करके और एक राज्य से दूसरे राज्य में पशुओं की आवाजाही रोककर देश में इसके तेज प्रसार पर रोकने की कवायद की जा रही है। भारत में विश्व डेरी कांग्रेस 48 साल बाद हो रहा है।
भारत के डेरी क्षेत्र में एलएसडी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। अब तक इससे करीब 60,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है और यह देश के 11 राज्यों में फैली है। हालांकि देश के ज्यादातर निजी दूध उत्पादकों ने दावा किया है कि इस बीमारी का दुग्ध उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और भारत अतिरिक्त दुग्ध उत्पादन के दौर में प्रवेश कर रहा है, जब भंडारों में अतिरिक्त दूध होगा। वहीं कुछ लोग इस आकलन पर सवाल उठा रहे हैं।
बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में डेरी क्षेत्र के लिए संतुलित वातावरण बनाने की जरूरत है, जिससे किसानों की अधिकतम आमदनी सुनिश्चित हो सकेगी,साथ ही रसायनों से मुक्त खेती हो सकेगी और पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘यह सभी एक दूसरे से जुड़ा हुआ है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि डेरी ग्रामीण इलाकों में हरित और टिकाऊ वृद्धि का बड़ा स्रोत है। उन्होंने कहा कि भारत के डेरी क्षेत्र की सफलता अन्य गरीब देशों के लिए एक मॉडल बन सकता है। प्रधानमंत्री ने डेरी क्षेत्र के 4 प्रमुख गुणों के बारे में कहा कि पहली विशेषता इसमें छोटे व सीमांत किसानों की बहुलता है। मोदी ने कहा, ‘भारत में बड़ी संख्या में लोग दूध उत्पादन करते हैं। छोटे किसानों की मजबूती और कवायदों के कारण भारत इस समय विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है।’उन्होंने कहा कि भारत के डेरी क्षेत्र की दूसरी अहम विशेषता सहकारी समितियों की भूमिका है। मोदी ने कहा, ‘भारत में इस समय करीब 2,00,000 डेरी से जुड़े हैं और करीब 2 करोड़ किसान डेरी सहकारी समितियों के माध्यम से दूध का कारोबार कर रहे हैं।’
भारत के डेरी क्षेत्र की तीसरी अहम विशेषता गायों और भैंसों की बड़ी संख्या में स्वदेशी प्रजातियों की मौजूदगी है। मोदी ने कहा कि ज्यादातर स्वदेशी प्रजाति के मवेशी मजबूत हैं। मोदी के मुताबिक चौथी विशेषता इस क्षेत्र में महिलाओं का प्रभुत्व है। उन्होंने कहा कि भारत की एक तिहाई सहकारी समितियां महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो 8.5 करोड़ रुपये के डेरी कारोबार में मुख्य संचालक की भूमिका में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गोबर को किसानों के राजस्व का अतिरिक्त स्रोत बनाने की कवायद कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में कृषि क्षेत्र में आने वाले स्टार्टअप में करीब 1,000 डेरी और दूध क्षेत्र से जुड़े हैं। मोदी ने कहा कि पशुओं की बीमारी बड़ी समस्या है और सरकार ने अगले कुछ साल में भारत को खुरपका और मुंहपका व ब्रुसेलोसिस रोगों से मुक्त करने के लिए खास कार्यक्रम शुरू किए हैं।
उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश इस समय छुट्टा और लावारिस पशुओं के संकट से जूझ रहा है और राज्य सरकार इनके लिए गौशाला बनवाने में लगी है।नोएडा में आयोजित 4 दिन के विश्व डेरी सम्मेलन कई केंद्रीय मंत्री, गृह मंत्री अमित शाह, 3 मुख्यमंत्री, 50 देशों के 1,500 से ज्यादा प्रतिनिधि, 800 किसान और डेरी क्षेत्र की विश्व की प्रमुख कंपनियों के सीईओ ने हिस्सा लिया।