उत्तर प्रदेश में 1370 मेगावाट की सौर बिजली परियोजनाओं पर 8,905 करोड़ रुपये के निवेश के साथ काम पूरा हो चुका है। जल्दी ही 417 मेगावाट की परियोजनाओं पर भी काम पूरा हो जाएगा। योगी सरकार ने वर्ष 2022 तक 10,700 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक कई सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निवेश संबंधी प्रस्ताव प्रदेश सरकार को मिले हैं साथ ही सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क की स्थापना की योजना पर भी काम चल रहा है। योगी सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा नीति 2017 तैयार कराई थी। इसके तहत सोलर पार्क की स्थापना तथा सौर ऊर्जा को थर्ड पार्टी विक्रय के लिए ओपन एक्सेस दिया गया। इस नीति के तहत ऑनलाइन एकल खिड़की मंजूरी की व्यवस्था के साथ ही सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए स्टाम्प शुल्क में 100 फीसदी छूट और विद्युत शुल्क में 10 वर्ष तक 100 फीसदी छूट का प्रावधान किया गया है।
इस नीति के आने से बुंदेलखंड के सातों जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर में अब तक सौर ऊर्जा की कुल 11 निजी कंपनियां अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगा चुकी हैं। इनसे साढ़े पांच सौ मेगावाट से ज्यादा बिजली रोजाना मिल रही है। चित्रकूट में एक निजी कंपनी ने छीबों गांव में 25 मेगावाट का सौर ऊर्जा यंत्र चालू कर दिया है। इसी जगह पर 50 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया गया है। आरईसी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी 50 मेगावाट का सौर संयंत्र कानपुर देहात में तथा 75 मेगावाट का सौर संयंत्र जालौन में लगाने की पहल की है।
अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में अब तक दो दर्जन से अधिक सौर पावर परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। इसके साथ ही प्रदेश में 235 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप स्थापित हो चुके हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की मदद से 25,569 बाजारों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं।