महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने वेबकास्ट पर कहा, ‘मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’ ठाकरे ने यह घोषणा उच्चतम न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से गुरुवार को उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दिए निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के कुछ मिनटों के बाद की।
इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय ने शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर फैसला सुनाते हुए शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं न्यायालय ने जेल में बंद राकांपा विधायकों- नवाब मलिक और अनिल देशमुख को शक्ति परीक्षण में भाग लेने की अनुमति दी।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सुनील प्रभु और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों की याचिका पर 11 जुलाई को एक साथ सुनवाई होगी। इससे पहले शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि उद्धव ठाकरे नीत खेमा पार्टी के अंदर ही अल्पमत में है और विधानसभा में शक्ति परीक्षण विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। शिंदे के वकील ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला के अवकाशकालीन पीठ से कहा कि शक्ति परीक्षण में किसी तरह का विलंब होने से लोकतांत्रिक राजनीति को और नुकसान होगा।
शिंदे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन.के. कौल ने दलील दी कि स्पीकर के समक्ष (बागी विधायकों की) अयोग्यता कार्यवाही का लंबित रहना शक्ति परीक्षण में विलंब करने का कोई आधार नहीं है। कौल ने पीठ से कहा, ‘लोकतंत्र की प्रक्रिया सदन के पटल पर होती है और यही चीज किए जाने की मांग की जा रही है।’ कौल ने दलील दी, ‘सदन की रहने दीजिए, वे(उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना) पार्टी के अंदर ही अल्पमत में हैं।’
मुझे अपनों ने ही धोखा दिया: ठाकरे
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट और सरकार पर छाए अनिश्चितता के बादलों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उन्हें उनके अपनों ने ही धोखा दिया है। ठाकरे ने शाम के वक्त कैबिनेट की एक बैठक की। राज्य मंत्रिमंडल ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर करने और उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव करने को मंजूरी दी।
बैठक में आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दी गई। बैठक के बाद एक अधिकारी ने बताया कि ठाकरे ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से कहा कि उन्हें उनके अपनों ने ही धोखा दिया है। उन्होंने ठाकरे को उद्धत करते हुए कहा, ‘मैंने अगर अनजाने में किसी को चोट पहुंचाई हो तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।’
बागी असम से गोवा के लिए रवाना हुए
असम में आठ दिन बिताने के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायक बुधवार शाम गुवाहाटी से गोवा के लिए रवाना हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के एक चार्टर विमान ने शाम छह बजकर 56 मिनट पर गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से गोवा के डाबोलिम हवाईअड्डे के लिए उड़ान भरी। महाराष्ट्र के विधायकों ने शुरू में अपराह्न तीन बजे के आसपास गुवाहाटी छोड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें लगभग चार घंटे की देरी हुई। शिवसेना के विधायक कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ 22 जून से मुंबई से लगभग 2,700 किलोमीटर दूर गुवाहाटी में डेरा डाले हुए थे। विधायक, उनके सहयोगी और परिवार के कुछ सदस्य असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) की चार वातानुकूलित बसों में रैडिसन ब्लू होटल से निकले। बसें कड़ी सुरक्षा घेरे में करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित हवाई अड्डे पहुंचीं। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के ‘बागी’ कहे जाने पर आपत्ति जतायी और हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि उनके समूह के सदस्य ‘असली शिवसैनिक’ हैं। उन्होंने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करेंगे।