गुजरात सरकार को चौथे वाइब्रेंट गुजरात समिट के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 35,276 करोड़ रुपये का निवेश आश्वासन भले ही मिला हो, पर पिछले तीन समिट के दौरान जिन परियोजनाओं का प्रस्ताव पेश किया गया था, उनमें से 30 को रद्द किया जा चुका है।
राज्य कृषि विभाग के समझौता पत्र से मिले आंकड़ों के अनुसार 2003, 2005 और 2007 में वाइब्रेंट समिट के दौरान कृषि क्षेत्र की कुल 99 परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन परियोजनाओं के जरिए 11,476 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था।
हालांकि, ये सभी निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार के लिए बहुत लुभावने साबित नहीं हो सके हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुल 99 परियोजनाओं में से 30 परियोजनाओं को रद्द किया जा चुका है। रद्द किए गए परियोजनाओं के जरिए करीब 4,092 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित था।
करीब 703 करोड़ रुपये के निवेश से जिन 48 परियोजनाओं की घोषणा की गई थी उनका काम शुरू हो चुका है और 6,081 करोड़ रुपये की 21 परियोजनाएं क्रियान्वयन स्तर पर हैं। साल 2003 के वाइब्रेंट गुजरात समिट में जिन 5 परियोजनाओं की घोषणा की गई थी उनमें से 3 महज घोषणाओं तक ही सिमट कर रह गईं और उन पर काम आगे नहीं बढ़ पाया।
साल 2005 के समिट में 34 परियोजनाओं के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे जिनमें से 615 करोड़ रुपये के निवेश वाली 14 परियोजनाओं को अब तक रद्द किया जा चुका है। वाइब्रेंट समिट 2007 में पिछले निवेश सम्मेलनों से भी कहीं अधिक कृषि क्षेत्र में 10,125 करोड़ रुपये के निवेश से 60 परियोजनाओं की घोषणा की गई थी।
इनमें से 3,973 करोड़ रुपये के निवेश वाली 13 परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जा सका, जबकि 31 परियोजनाएं क्रियान्वयन स्तर पर हैं।एक प्रमुख सरकारी अधिकारी ने इस बाबत बताया, ‘घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने का मतलब केवल इतना होता है कि कोई कंपनी राज्य में परियोजना लगाने के लिए इच्छुक है।
गुजरात में निवेश की चमक फीकी
2009 समिट में कृषि क्षेत्र के लिए 35,276 करोड़ रु के निवेश की घोषणा
पर उतनी ही तेजी से किया जा रहा है पुरानी परियोजनाओं को रद्द
अब तक 4,092 करोड़ रु की 30 परियोजनाओं को रद्द किया जा चुका है
घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के बाद कंपनियां खींच रही हैं निवेश का हाथ