उद्योग के अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2026 के पहले छह महीनों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान स्मार्टफोन निर्यात बढ़कर 13.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की मदद से यह वित्त वर्ष 2025 की इसी अवधि में किए गए 8.5 अरब डॉलर के निर्यात के मुकाबले 59 प्रतिशत अधिक हो गया है।
अकेले सितंबर में अमेरिका को स्मार्टफोन के निर्यात में तीन गुना वृद्धि हुई जिसने कुल निर्यात 1.7 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया। यह वित्त वर्ष 2025 की तुलना में अब तक दर्ज सबसे अधिक मासिक बढ़ोतरी है। पिछले महीने का निर्यात सितंबर 2024 में किए गए 92.3 करोड़ डॉलर के निर्यात से 87 प्रतिशत अधिक था।
अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात पिछले साल सितंबर के 25.8 करोड़ डॉलर से बढ़कर पिछले महीने 90 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। सितंबर में कुल स्मार्टफोन निर्यात में अमेरिका का योगदान 52.3 प्रतिशत रहा। निर्यात वृद्धि में ऐपल का बड़ा योगदान रहा। ऐपल के आईफोन का निर्यात 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है जो वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में भारत के कुल स्मार्टफोन निर्यात का 75 प्रतिशत से अधिक है।
इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के एक बयान के अनुसार नई उत्पाद पेशकशों और निर्धारित मशीन रेट्रोफिटिंग के कारण अगस्त और सितंबर आमतौर पर सबसे कम निर्यात वाले महीनों में गिने जाते हैं। दुनिया भर के उपभोक्ता भी इस दौरान खरीदारी रोककर रखते हैं और वे नए मॉडलों और पुराने संस्करणों पर मिलने वाली छूट का इंतजार करते हैं। आमतौर पर अक्टूबर के मध्य तक निर्यात फिर से बढ़ जाता है।
पीएलआई योजना स्मार्टफोन निर्यात की वृद्धि में मददगार रही है। ऐपल के लिए यह योजना मार्च 2026 में समाप्त हो रही है और सैमसंग के लिए वित्त वर्ष 25 में ही समाप्त हो चुकी है। सैमसंग का स्मार्टफोन निर्यात वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में 20 प्रतिशत घटकर 1.7 अरब डॉलर रह गया जबकि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में यह 2.1 अरब डॉलर था।