बाजार में छाई मंदी के बाद भी हरियाणा और बिहार में लगभग 1,90,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
पिछले चार साल में लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने वाले हरियाणा को 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। लेकिन बिहार भी इससे ज्यादा पीछे नहीं है। बिहार सरकार को लगभग 91,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
अभी तक ऑटोमोबाइल उद्योग के निर्माण संयंत्रों के लिए सबसे पसंदीदा राज्य बनकर उभरा हरियाणा अब सेवा उद्योग की कंपनियों को लुभाने की योजना भी बना रहा है।
हरियाणा के बिजली, स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग और संसद मामलों के मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाल ने बताया कि लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये की प्रस्तावित परियोजनाओं पर बातचीत चल रही है। अभी यह परियोजनाएं विभिन्न चरणों में हैं और आने वाले एक-दो साल में इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस निवेश के अलावा सरकार लगभग 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से 6,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की भी योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य को ऑटोमोबाइल उद्योग से काफी निवेश मिल रहा है।
लेकिन अब राज्य ने अपनी नजर सेवा क्षेत्र पर लगा रखी है, खासतौर पर सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग पर। बिहार के उप मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि सरकार को लगभग 91,000 करोड़ रुपये के 164 निवेश प्रस्ताव मिले हैं।