उत्तर प्रदेश में 15 नई डिस्टलरी में इसी साल उत्पादन शुरु कर दिया जाएगा। प्रदेश में 1,250.44 करोड़ रुपये के निवेश से 16 डिस्टलरीज लगाई जा रही हैं जिनमें से एक डालमिया समूह में उत्पादन शुरू भी हो गया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक इस साल के अंत तक बाकी 15 डिस्टलरी में भी उत्पादन शुरु हो जाएगा। बीते दिनों में प्रदेश में निजी क्षेत्र की 11 चीनी मिलों ने करोड़ों रुपये का निवेश कर पेराई क्षमता का विस्तार किया है और अब बड़े कारोबारी समूह 1,250.44 करोड़ रुपये का निवेश कर राज्य में 16 नई डिस्टलरी लगा रहें है। डिस्टलरी स्थापित कर रहे निवेशकों में डीसीएम श्रीराम, पारले बिस्कुटस, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड जैसे समूह शामिल हैं।
गन्ना विकास एवं चीनी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश देश में चीनी उत्पादन में नंबर वन राज्य है वहीं यह देश का सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य है। देश के गन्ने के कुल रकबे का 51 फीसदी एवं उत्पादन का 50 और चीनी उत्पादन का 38 फीसदी उत्तर प्रदेश में होता है। देश में कुल 520 चीनी मिलों से 119 उत्तर प्रदेश में हैं। करीब 48 लाख गन्ना किसानों में से 46 लाख से अधिक किसान मिलों को अपने गन्ने की आपूर्ति करते हैं। यहां का चीनी उद्योग करीब 6.50 लाख लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार देता है। बीते तीन सालों में प्रदेश में ग्यारह चीनी मिलों की पेराई क्षमता में इजाफा किया गया। बंद पड़ी वीनस, गगलहेडी और बुलन्दशहर की चीनी मिलों को फिर से शुरू किया गया।
अधिकारियों के अनुसार डीसीएम श्रीराम लिमिटेड ने हरदोई में डिस्टलरी लगाई है। इसमें उत्पादन होने लगा है। इसके अलवा सुपीरियर बायो यूल्स लिमिटेड शामली में, करीमगंज बायो यूल्स लिमिटेड रामपुर में, अजुधिया बायो यूल्स लिमिटेड बिलारी में, महाकौशल एग्रीक्राप इंडिया लिमिटेड प्रयागराज के शंकरगढ़ में, यदु शुगर मिल बदायूं में, आरती डिस्टिलरी कानपुर देहात में, फारएवर डिस्टिलरी देवरिया में, माल्ब्रोस इंटरनेशनल शाहजहांपुर में, राज श्री फाइन केमिकल्स शाहजहांपुर में इन्डियन पोटास लिमिटेड मुज फरनगर में पारले बिस्कुट प्राइवेट लिमिटेड बहराइच में बलरामपुर चीनी मिल लखीमपुरखीरी में डिस्टलरी यूनिट लगा रहें हैं। करीब 1250.44 करोड़ रुपए का निवेश कर लगाई जा रही इन डिस्टिलरी यूनिट का लाभ किसानों और चीनी उद्योग दोनों को मिलेगा। इन डिस्टलरीज के शुरु होने से एथनाल उत्पादन में प्रदेश में सबसे अव्वल स्थान पर होगा। अभी भी एथनाल उत्पादन उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। प्रदेश में साल 2017-18 से 31 जनवरी, 2021 तक 54 डिस्टलरीज के जरिए प्रदेश में कुल 261.72 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन हुआ है, जो कि एक रिकॉर्ड है।