अयोध्या में मस्जिद की भी तैयारी जोरों पर शुरू

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:07 AM IST

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के साथ ही मस्जिद की भी तैयारी जोरों पर शुरू हो गई है। अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी नहीं होगा और इसे धन्नीपुर मस्जिद के नाम से ही जाना जाएगा। मस्जिद का निर्माण भी सरकार की ओर से दी गई जमीन के बहुत थोड़े से हिस्से 1,400 वर्ग मीटर में होगा। जमीन के अधिकांश हिस्से में उच्च स्तरीय अस्पताल और शोध केंद्र बनाया जाएगा। मस्जिद के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाया है।
फाउंडेशन का कहना है कि बाबरी मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर इबादतगाह के साथ ही रहीम, रसखान और कबीर जैसी विभूतियों पर शोध के लिए केंद्र बनेगा और शोधार्थियों के लिए रहने और पुस्तकालय की व्यवस्था रहेगी। शोध केंद्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानक पर बनेगा।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर आए फैसले के तहत सुन्नी वक्फ बोर्ड को सरकार की ओर से धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन इबादतगाह बनाने के लिए दी गई है। ट्रस्ट ने रविवार को अपना प्रतीक चिह्न (लोगो) भी जारी कर दिया है।
धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद, शोध केंद्र, सामुदायिक किचन और अस्पताल का नक्शा देश के जाने माने वास्तुविद तैयार करेंगे। शनिवार को धन्नीपुर गांव में मस्जिद की जमीन का टोपोग्राफी नक्शा तैयार करने के लिए मौके पर नापजोख की गई। टीम के सदस्यों ने मस्जिद साइट से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित सरयू तट का भी निरीक्षण किया। इसके साथ ही प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई। फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि टोपोग्राफी नक्शा तैयार कर इसे दिल्ली के तीन नामी आर्किटेक्ट के पैनल के पास भेजा जाएगा। जो 5 एकड़ जमीन पर शुरू किए जाने वाले प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार कर इस पर आने वाले खर्च का आकलन तैयार करेंगे। अयोध्या में मस्जिद निर्माण से पहले ही इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने साफ कर दिया है कि न तो इबादतगाह और न ही शोध केंद्र या अस्पताल बाबर के नाम से होगा। मस्जिद का निर्माण भी मिली हुई जमीन के एक छोटे से हिस्से में किया जाएगा। फाउंडेशन के कुछ सदस्यों के मुताबिक इसे धन्नीपुर मस्जिद कहा जा सकता है। हालांकि यह भी अभी तय नहीं है। अतहर हुसैन का कहना है कि यहां सबसे बड़ा प्रोजेक्ट अस्पताल का है जहां गंभीर बीमारियों के इलाज के साथ ही ओपीडी सेवाएं संचालित की जाएंगी।

First Published : August 23, 2020 | 10:57 PM IST