उत्तर प्रदेश में किसानों के द्वारा तैयार किए गए जैविक उत्पाद अब नमामि गंगे के नाम से बढ़ेंगे। गंगा किनारे के गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने खास योजना तैयार की है। इसके तहत किसानों के जैविक उत्पादों की पैकेजिंग, डिजायन व उन्हें बिक्री योग्य बनाने के लिए जिलों जिलों में ईकाई लगाई जाएंगी।
शहरों में किसानों के जैविक उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए आवासीय कालोनियों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में किसान सीधे अपना उत्पाद शहरी उपभोक्ताओं को बेंच सकेंगे। शहरी कालोनियों में हर शनिवार व रविवार को इस तरह के विशेष शिविर लगाकर जैविक उत्पादों की बिक्री की जाएगी। इसकी शुरुआत सबसे पहले सरकारी कालोनियों में होगी।
अपर मु य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बुधवार को एक आदेश जारी कर निर्देश दिए हैं कि पराग दूध की बिक्री करने वाले केंद्रों पर भी जैविक उत्पाद रखे जाएं। किसानों की आय बढ़ाने और उनके जदैविक उत्पादों के प्रोत्साहन में मंडी परिषद को भी मदद करने के लिए कहा गया है। आदेश के मुताबिक जिलावार जैविक उत्पादों की नीलामी सरकारी मंडियों में की जाएगी। सरकारी मंडी स्थलों में किसानों के जैविक उत्पादों की पृथक नीलामी की व्यवस्था सरकारी देखरेख में की जाएगी। कृषि विविधीकरण परियोजना के तकनीकी समन्वयक और संयुक्त कृषि निदेशक में इस संबंध में अगले 15 दिनों के भीतर योजना पेश करने को कहा गया है। प्रदेश भर में मौजूद मंडी स्थलों पर जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए एक अलग से आउटलेट भी खोला जाएगा।
अपर मु य सचिव ने कहा है कि 31 जुलाई तक जैविक उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देने के लिए मांग के मुताबिक हर जिले में एक लोगो विकसित करने का काम पूरा कर लिया जाए। समारोह आयोजित कर लोगो का प्रचार प्रसार किया जाए जिससे उसके तहत बिकने वाले जैविक उत्पाद लोकप्रिय हो सकें। पारंपरिक कृषि विकास योजना या नमामि गंगे के तहत गठित किसानों के समूहों के जैविक उत्पादों को नमामि गंगे के नाम से बिक्री के लिए रखा जाएगा। इन समूहों के लिए वैल्यू एडेड गतिविधियों के लिए 2000 रुपये प्रति किसान के हिसाब से धनराशि आवंटित की जानी है। आदेश के मुताबिक इस धनराशि से जिलों जिलों में सार्टिंग, ग्रेडिंग व पैकेजिंग की इकाई स्थापित की जाए जिससे जैविक उत्पादों की मार्केटिंग में सहायता मिल सके। जैविक उत्पादों की पैकेजिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत योगी सरकार ने गंगा किनारे बसे गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने की शुरुआत की है। इसके तहत इन गांवो में नदी किनारे फलदार वृक्ष लगाने के लिए पौधे दिए जाएंगे और उनके रख-रखाव के लिए धनराशि भी दी जाएगी।