झारखंड में उद्योग लगाने के लिए जिन कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे और जमीन अधिग्रहण मसले पर गाड़ी अटकने के कारण अब तक अपनी परियोजनाओं की शुरुआत नहीं कर पाई थीं, अब जल्द ही उन्हें राज्य प्रशासन की ओर से हरी बत्ती मिल सकती है।
कुछ दिन पहले विभिन्न कंपनियों के साथ तीन दिवसीय बैठक आयोजितकी गई। कोलकाता के एक प्रमुख निवेशक जो झारखंड में निवेश की तैयारी में हैं, ने बताया, ‘हाल के वर्षों में इस तरह की यह पहली बैठक है। अब ऐसा लगता है कि आखिरकार बिना किसी राजनीतिक अड़ंगे के परियोजनाओं पर काम शुरू किया जा सकेगा।’
कोलकाता के इस निवेशक ने कहा, ‘इसके साथ ही राज्य सरकार को कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार भी लाना होगा ताकि स्थानीय स्तर पर कोई खतरा न हो।’
नक्सलवाद राज्य के कुछ हिस्सों में एक गंभीर समस्या रहा है और इस तरह कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी असर पड़ा है। इस बैठक में आर्सेलर मित्तल, जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड, सीईएससी लिमिटेड, जेएसडब्लू स्टील, हिंडाल्को शामिल थीं।