होटलों को दरकार खामी रहित सुरक्षा की

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 7:05 AM IST

पिछले सप्ताह मुंबई में हुए आतंकी हमलों ने सुरक्षा और सतर्कता को लेकर भारत के होटल उद्योग की आंखें खोल दी हैं।


दूसरी तरफ होटल उद्योग इस बात से भी चिंतित नजर आ रहा है कि इन घटनाओं के बाद अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट सम्मेलनों और बैठकों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

इसमें कोई शक नहीं कि देश में हो रही हाल की आतंकी घटनाओं से विदेशी पर्यटकों की संख्या जरूर प्रभावित हुई है, लेकिन उद्योग जगत की ओर से इस घटना के मद्देनजर कोई सम्मेलन और बैठक रद्द किए जाने की सूचना नहीं है।

व्यापारिक कार्यक्रम में फेरबदल नहीं : पिछले सप्ताह ताज होटल में सीआईआई की चार बैठकें होनी थीं, जो आतंकी घटनाओं की वजह से टाल दी गई।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘पहले यह सोचा जा रहा था कि बहुत सारे विदेशी आगंतुक कुछ बैठकें रद्द कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हुआ है।’

उन्होंने मिसाल के तौर पर बताया कि मुंबई की घटनाओं के एक दिन बाद सीआईआई- इसरो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और अंतरिक्ष वाणिज्य और तकनीक पर एक प्रदर्शनी आयोजित की गई थी,

जिसमें दो विदेशी आगंतुकों को छोड़कर सभी ने शिरकत की थी। फिक्की के महानिदेशक अमित मित्रा ने कहा, ‘फिक्की द्वारा आयोजित की जाने वाली कोई बैठक रद्द नहीं की गई। अरब सांस्कृतिक इवेंट के अलावा, फिक्की का दो अंतरराष्ट्रीय बैठकों का आयोजन अपने निर्धारित समय के मुताबिक होना है, जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय हस्ती भाग ले रही हैं।’

मित्रा ने कहा कि विदेशी कंपनियां अवसर और मांग को ध्यान में रखती है, तो वह भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां बढ़ीं: रॉयल ऑर्किड होटल के अध्यक्ष चंदर बालजी ने कहा कि आतंकी घटनाओं के बाद होटलों में सुरक्षा देने वाली एजेंसियों के लिए चुनौती बढ़ गई है।

अब मौजूदा सुरक्षा तंत्र में पूरी तरह से बदलाव का वक्त आ गया है। वैसे, विशेषज्ञों का मानना है कि होटलों में जो सुरक्षा मौजूद है, वह सतर्कता और सामान्य नियंत्रण से संबंधित है, जबकि इसे हमलावर तरीके से भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

First Published : December 4, 2008 | 8:52 PM IST