क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के अधिकारियों ने केंद्र सरकार से खेती और लघु उद्योगों को दिए जाने वालों कर्जों पर एक समान ब्याज दर लागू किए जाने की मांग की है।
केंद्र सरकार से इन क्षेत्रों को दिए जाने वाले कर्जों पर लिए जा रहे ब्याज में सब्सिडी की मांग करते हुए इन अधिकारियों ने कहा है कि प्राथामिकता क्षेत्र को दिए जाने वाले इन कर्जों के लिए सहूलियत की दरकार है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिकारियों के संघ के महासचिव एस के भट्टाचार्य ने बताया कि कृषि क्षेत्र और लघु उद्योगों के लिए एक समान ब्याज दर सात फीसदी पर कर्ज दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कुल दिए जाने वाले कर्जों में से 15 से 20 फीसदी लघु उद्योगों को दिए जाते हैं और आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ेगा।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के भविष्य के बारे में श्री भट्टचार्य ने कहा कि देश के गांवों तक फैले अपने नेटवर्क के चलते इनको नजरअंदाज नही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और भी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको का आपस में विलय हो सकता है। इस समय देश में कुल 88 ग्रामीण बैंक है जबकि पहले यह तादाद 196 थी।