उत्तर प्रदेश में सरकारी आवासीय संस्थाओं की खाली पड़ी संपत्तियों की बिक्री के लिए अभियान चलाएगी। प्रदेश के विकास प्राधिकरणों व आवास विकास परिषद के पास खाली पड़ी हजारों संपत्तियों को विशेष अभियान चला कर नए साल व त्योहारों के मौके पर बेचा जाएगा। प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों में 40,000 से ज्यादा मकान और 6,000 के लगभग व्यावसायिक संपत्तियों की बिक्री नहीं हो सकी है। प्रदेश सरकार ने खाली संपत्तियों का आवंटन न होने पर चिंता जताते हुए इनकी बिक्री जल्द से जल्द करने को कहा है। खाली संपत्तियों की बिक्री के लिए इनमें कीमतों में छूट जैसी कई पेशकश भी दिए जाएंगे।
प्रदेश सरकार के आवास विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक विकास प्राधिकरणों में विभिन्न श्रेणी के 40,368 मकान और 6,762 आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां खाली हैं। बार बार आवंटन खोले जाने के बाद भी इन्हें खरीददार नहीं मिल पा रहे हैं। अब आवास विभाग ने विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि ऐसी खाली पड़ी संपत्तियों को बेचकर आय बढ़ाई जाए। इसके अलावा बड़ी तादाद में लगभग 1,800 संपत्तियां विभिन्न शहरों में आवास विकास परिषद के पास भी खाली पड़ी हैं।
हाल ही में आवास विभाग ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से उनकी योजनाओं में खाली पड़ी संपत्तियों का ब्योरा मांगा था। संपत्तियां आवंटित नहीं होने से विकास प्राधिकरणों का अरबों रुपये फंस गया है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने प्राधिकरण संपत्तियों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया है कि जो भी आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियां खाली पड़ी हैं, अभियान चलाकर उनको पात्रों को आवंटित किया जाए।
