उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड तक तबाही मचा दी है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और प्रयागराज में शहरी इलाकों में नावें चल रही हैं तो बुंदेलखंड के हमीरपुर-जालौन जिलों में बाढ़ से भयावह हालात पैदा हो गए है। बुंदेलखंड में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने व राहत सामाग्री पहुंचाने के लिए सेना बुलानी पड़ी है। वाराणसी में राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के साथ वरिष्ठ अधिकारी नावों पर लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित बुंदेलखंड का हवाई दौरा किया और राहत शिविरों में भी गए। सोमवार को भी उन्होंने यमुना की बाढ़ से प्रभावित हुए इटावा और औरैय्या जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने कहा कि बाढ़ से जनहानि होने पर सरकार की ओर चार लाख रुपये और एक मकान देने की व्यवस्था की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में लंबे अरसे के बाद एक साथ गंगा, यमुना, राप्ती से लेकर बुंदेलखंड में यमुना, बेतवा, चंबल, केन, मंदाकिनी और बरदहा जैसी सभी नदियां एक साथ उफान पर हैं और बड़े पैमाने पर तबाही मचा रही हैं। इनमें से ज्यादातर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। सबसे खराब हालात बुंदेलखंड में है जहां जालौन में बीहड़ के गांवों में राशन पहुंचाने के लिए सेना की मदद ली गई है। सेना ने बीहड़ के गावों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया है। हमीरपुर में यमुना और बेतवा एक साथ कहर ढा रही हैं। शहर के कई सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में पानी भर गया है। यहां 5,000 लोगों को राहत शिविरों में जगह दी गई है।
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनो खतरे के निशान को पार गई हैं और अभी भी जलस्तर का बढऩा जारी है। जिला प्रशासन ने दारागंज, सलौरी, मेंहदौरी जैसे इलाकों में रहने वालों को एलर्ट जारी किया है। यहां अब तक हजारों मकान पानी में डूब चुके हैं। पीएएसी, पुलिस, एसडीआरएफ के साथ एनडीआरएफ के जवान लोगों को निकालने में जुटे हैं।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 11 सेंटीमीटरक उपर है और कई शहरी इलाकों में पानी भर चुका है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश सहित स्थानीय मंत्री नीलकंठ तिवारी नावों से प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत सामाग्री पहुंचा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है।