लखटकिया कार नैनो के लॉन्च के पहले उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि वह पंतनगर उत्पादन संयंत्र में टाटा मोटर्स को इस बात की अनुमति देने को तैयार है कि वह औद्योगिक जमीन के हिस्सों को अपने वेंडरों को सब-लीज पर दे सके।
एक प्रमुख सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘औद्योगिक जमीन को वेंडरों को लीज पर देने के लिए हम टाटा मोटर्स को आवश्यक अनुमति देने के लिए तैयार हैं।’ इसी हफ्ते राज्य सरकार और टाटा मोटर्स के अधिकारियों के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी।
टाटा मोटर्स को पंतनगर में मिली जमीन पर करीब 60 से 70 वेंडरों ने दुकानें लगा रखी हैं। कंपनी को राज्य सरकार की ओर से सस्ती दर पर 1,000 एकड़ जमीन मिली है। अधिकारी ने बताया कि टाटा मोटर्स जो पंतनगर संयंत्र का इस्तेमाल नैनो के साथ साथ छोटे ट्रकों के उत्पादन के लिए भी कर रही है, लीज का मालिकाना हक अपने पास सुरक्षित रखना चाहती है।
ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य सरकार कंपनी को सब-लीज देने का अधिकार सौंपती है। इस अधिकार के बाद कंपनी अपने मनमुताबिक वेंडरों को जमीन लीज पर दे सकेगी। इसमें राज्य सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। यानी जमीन के मसले पर टाटा मोटर्स और राज्य सरकार के बीच सीधे डील होगी। वेंडरों के मसले पर भी कंपनी ही मध्यस्थ के तौर पर रहेगी।
पिछले साल कंपनी को उत्तराखंड सरकार की ओर से 45 एकड़ अतिरिक्त जमीन मिली थी ताकि वह पंतनगर इकाई का विस्तार कर सके, जहां से दुनिया की सबसे सस्ती कार को लॉन्च के लिए तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा भुवन चंद्र खंडूड़ी सरकार ने कंपनी की उस मांग को भी मान लिया है जिसमें उसने पंतनगर इकाई की जमीन के लिए लीज के किराए को कम करने की मांग की थी।
इस बाबत राज्य मंत्रिमंडल ने पहले ही कंपनी की उस मांग को स्वीकृति दे दी थी जिसमें लीज के किराए को प्रति वर्ग मीटर 5 रुपये से घटाकर 2 रुपये करने को कहा गया था। इस फैसले से राज्य को हर साल 1.5 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।