बाढ़ और भूस्खलन की समस्या का स्थाई समाधान तलाशने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया। यह समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। कोंकण की 26 नदियों की घाटियों में आने वाले तीन महीने में बाढ़ चेतावनी (आरटीडीसी) प्रणाली स्थापित की जाएगी। बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कल 11,500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रशासन को बाढ़ के संकट और भूस्खलन पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि महाड और चिपलून शहर में बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार वशिष्ठ, गांधारी, सावित्री नदी द्वीप और गाद को निकालने के मॉडल अध्ययन के आधार पर तीन साल में बाढ़ सुरक्षा दीवार को पूरा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंकण में निर्माणाधीन परियोजनाओं को अगले तीन वर्षों में पूरा करें। कोयना टेलरेस वाटर मुंबई लिंक परियोजना के लिए डीपीआर का अध्ययन करने के बाद तीन महीने के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए। भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेषज्ञों एवं प्रशासकों की समिति गठित करें। यह समिति तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। कोंकण की 26 नदी के घाटियों में आने वाले 3 महीने में बाढ़ चेतावनी (आरटीडीसी) प्रणाली को स्थापित करें।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पिछले डेढ़ साल में महाराष्ट्र में कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आई हैं और कोविड संकट के बावजूद राज्य सरकार ने आपदा पीड़ितों को मझधार में नहीं छोड़ा है बल्कि आपदा पीड़ितों की हर सम्भव मदद की है। ठाकरे ने कहा कि 11,500 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी देकर राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों के आंसू पोछने का प्रयास कर रही है। नुकसान बहुत बड़ा है। किसान, व्यापारी, व्यावसायिक, दुकानदार, आम नागरिक, कारीगर सभी लोग प्रभावित हुए हैं इसलिए परिस्थितियों को गंभीरता से लेते हुए मौजूदा मापदण्डों से ज्यादा दर पर मदद करने का फैसला लिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ से प्रभावित जिलों को महज 1,500 करोड़ रुपये की तत्काल राहत दी है। इससे एक दिन पहले राज्य ने 11,500 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महा विकास आघाडी सरकार ने पैकेज में प्राथमिकता वर्गों जैसे कि किसानों के लिए कोई तत्काल राहत की घोषणा नहीं की। फडणवीस ने कहा कि दीर्घकालीन उपायों के लिए पैकेज में अन्य योजनाओं के लिए 3,000 करोड़ रुपये और 7,000 करोड़ रुपये के पुनर्निर्माण प्रावधान समेत 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। असल में तत्काल राहत केवल 1,500 करोड़ रुपये की है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कहा कि सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में फसलों को हुए नुकसान, अनाज की आपूर्ति, सफाई अनुदान, मकान निर्माण के लिए सहायता समेत 2019 बाढ़ सहायता राशि का कोई जिक्र नहीं किया गया।