कड़ाके की ठंड में उत्तर प्रदेश में बीते 3 दिनों से हो रही बारिश ने रबी की ज्यादातर फसलों सहित आलू को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है।
उत्तर प्रदेश के पश्चिम से लेकर पूर्वी हिस्सों व बुंदेलखंड में गुरुवार सुबह से बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं और तापमान में खासी गिरावट आयी है। कड़ाके की ठंड में हो रही बारिश ने जहां गेहूं की फसल को फायदा पहुंचाया है वहीं रबी की बाकी की फसलें बरबाद हुईं हैं। सबसे ज्यादा नुकसान आलू की फसल को पहुंचा है जिसकी इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद लगाई जा रही थी। इस बार आलू की बुआई के समय अक्टूबर में भी तेज बारिश हुई थी और अगैती की फसल को नुकसान पहुंचा था। हालांकि आलू किसानों ने बीज के खेतों में सड़ जाने के बाद दोबारा बुआई कर दी थी और फसल अच्छी होने का अनुमान लगाया जा रहा था। बीते तीन-चार दिनों की बारिश ने अब आलू की अच्छी पैदावार की संभावना पर ग्रहण लगा दिया है।
प्रदेश में बीते सालों के मुकाबले सरसों का रकबा भी खासा बढ़ा था। बेमौसम की तेज बारिश और ओले के चलते सरसों की फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है। तेज हवा और बारिश से सरसों की खड़ी फसल में फलियां टूट गईं हैं और बची हुई फसल में फफूंद लगने की आशंका बढ़ गई है। रबी की अन्य फसलों जैसे मसूल, चना और मटर को भी खासा नुकसान हुआ है। बुंदेलखंड में कई जगह तो तेज हवा और ओले के चलते मटर की फलियां टूट कर खेतों में बिखर गई हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी के पहले-दूसरे हफ्ते की बारिश केवल गेहूं की फसल के लिए मुफीद है जिसके पकने में अभी समय है। उनका कहना है कि किसानों को अब गेहूं की फसल के लिए सिचाई की जरुरत नहीं पड़ेगी। हालांकि इस बार बाजार में अच्छी कीमत मिलने के चलते किसानों ने बड़े पैमाने पर प्रदेश में सरसों की बुआई की थी जिन्हें अब खासा नुकसान उठाना पड़ेगा।
रबी की फसलों के साथ सब्जियों पर भी बारिश कहर बन कर गिरी है। ओले गिरने के चलते खेतों में लगी सब्जियां बरबाद हुयी हैं। मौसमी सब्जियों के दाम आने वाले दिनों में इसके चलते तेज होंगे।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश का सिलसिला अभी कम से कम सोमवार तक जारी रहेगा और ओले भी गिरेंगे। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश हो रही है और यह अभी बना रहेगा। उनका कहना है कि दिन का तापमान गिरेगा और गलन भी बढ़ेगी।
