ऐसे समय में जब देश भर का रियल एस्टेट उद्योग मंदी की मार से कराह रहा है, उत्तर प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को यह मार छू भी नहीं पा रही है।
इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दो कमरों वाले दुर्बल आय वर्ग के मकानों के लिए पंजीकरण खुलने के पहले दिन ही सारे फॉर्म बिक गए और आवास विकास के फिर से फार्म छपाने की व्यवस्था करनी पड़ी है।
बीते सोमवार को आवास विकास परिषद ने इस योजना के लिए आवंटन खोला था और देखते ही देखते 15,000 फॉर्म बिक गए जिनकी कीमत 100 रुपए रखी गयी थी। अब परिषद एक बार फिर से 10,000 फॉर्म छाप कर बेंचने की तैयारी में है।
कुछ ऐसा ही हाल तब हुआ था जब दिसंबर में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दुर्बल आय वर्ग के गोमती नगर में बनने वाले भवनों का पंजीकरण खोला था। आशा से कहीं ज्यादा मिले रिस्पॉन्स से उत्साहित हो प्राधिकरण को दो बार अंतिम तारीख को बढ़ाना पड़ा था।
कुल 400 मकानों के लिए खोले गए पंजीकरण के लिए 13,000 फॉर्म बिक गए और इनमें से 11,000 ने पंजीकरण करा भी डाला। साथ ही मांग को देखते हुए विकास प्राधिकरण ने बहुमंजिले अपार्टमेंट बनाने की घोषणा भी आनन-फानन में कर दी है।
केवल सरकरी क्षेत्र ही नहीं बल्कि निजी क्षेत्र की कंपनी अंसल ने जनता की मांग को देखते हुए अपनी सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना के लिए दुर्बल आय वर्ग और अल्प आय वर्ग में पंजीकरण खोला था।
अंसल के पंजीकरण खोलने के पहले दिन ही हजारों की तादाद में फार्म बिक गए। अंसल ने पहले आओ और पाओ के आधार पर आवंटन का फैसला किया था जिसे बाद में बदल कर लाटरी से करने का फैसला किया गया।