यूपी के 20 बड़े शहर सोलर सिटी के रूप में होंगे विकसित

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:05 PM IST

उत्तर प्रदेश में 20 जिलों को प्रदूषण से मुक्त करने की मुहिम के तहत सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश के सभी बड़े व मझोले शहरों को पैडल रिक्शा से मुक्त करते हुए वहां बैटरी चालित ई-रिक्शा को बढ़ावा दिया जाएगा।

 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के बड़े शहरों को आधुनिक बनाने की मुहिम के तहत बड़े बीस शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में चले रहे पैडल रिक्शा के स्थान पर ई-रिक्शा को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य में पांच लाख से ऊपर आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में पैडल और पेट्रोल व डीजल से चलने वाले जुगाड़ रिक्शा को हटाया जाएगा और इसके स्थान पर ई-रिक्शे को बढ़ावा दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति में प्रस्तावित संशोधनों में इसकी व्यवस्था की जाएगी। जल्द ही प्रदेश सरकार संशोधित इलेक्ट्रानिक वाहन मैन्यूफैक्चरिंग नीति ला रही है।

हाल ही मुख्यमंत्री के सामनें संशोधित नीति का प्रस्तुतिकरण किया गया। नयी नीति के तहत लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, मुजफ्फरनगर, मथुरा, आजमगढ़, मिर्जापुर और अयोध्या को सोलर सिटी बनाया जाएगा। इन शहरों में नए बनने वाले घरों को सोलर रूफटाप प्लांट से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा इन शहरों के पार्क और अन्य सरकारी स्थानों पर सोलर परियोजनाएं स्थापित करेंगी।

इसी प्रकार बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सरकार पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में पैडल और पेट्रोल व डीजल से चलने वाले जुगाड़ रिक्शों को हटाएगी। इसके स्थान पर ई-रिक्शे चलाने को बढ़ावा दिया जाएगा। इसे लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति-2019 में संशोधन करने के लिए अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविंद कुमार की अध्यक्षता में बनी समिति ने अपनी सहमति दे दी है। इस समिति ने वर्तमान में मानव चालित रिक्शा, डीजल व पेट्रोल से चलने वाले रिक्शे को ई-रिक्शा में परिवर्तित करने का सुझाव दिया है और यह तय किया गया है कि प्रमुख शहरों में तय किए गए क्षेत्रों में ही ई-रिक्शे को चलाया जाएगा, जिससे अव्यवस्था न हो और दुर्घटना की संभावनाएं भी कम रहे।

ई-रिक्शा चालन को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग मौजूदा रेग्युलेटरी व्यवस्था की समीक्षा करेगा और इसमें ई-रिक्शे को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। नगर विकास विभाग और परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे इसके लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करते हुए उसे शासन को उपलब्ध कराएं। राज्य में ई-रिक्शा को बढ़ावा देने के लिए इसे लेने वालों को कुछ छूट भी दिया जाएगा, यह संकेत भी सरकार ने दिया है।

First Published : September 1, 2022 | 6:33 PM IST