केंद्र सरकार ने राष्ट्रमंडल खेल गांव परियोजना का विकास कर रही एमार-एमजीएफ को 100 करोड़ रुपये की नकद सहायता उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
हालांकि डेवेलपर्स ने सरकार से 300 करोड़ रुपये की मांग की थी। कंपनी को नकदी उपलब्ध कराने के लिए शहरी विकास मंत्रालय दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से खेल गांव में तैयार हो रहे मकान खरीदने का निर्देश देने की योजना बना रहा है। अचल संपत्ति की हालत सुधरने के बाद डीडीए इन फ्लैटों को बेचेगा।
दरअसल एमार-एमजीएफ खेल गांवों में मकान नहीं बेच पा रही है और कंपनी नकदी की किल्लत से जूझ रही है। इसे देखते हुए कंपनी ने सरकार से 300 करोड़ रुपये की नकद सहायता मांगी थी।
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव एम रामचंद्रन ने बताया, ‘परियोजना की फंडिंग आवश्यकताओं का विश्लेषण करने के बाद हमने फैसला किया है कि कंपनी को 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए डीडीए इस परियोजना में कुछ मकान खरीदेगा।’
शहरी विकास मंत्रालय की ओर से गठित समिति इन अपार्टमेंट्स की वास्तविक कीमतों का मूल्यांकन कर रही है। डेवलपर्स ने इसके लिए प्रति वर्ग फुट 12,750 रुपये कीमत तय की है। इस इलाके में फ्लैटों के दाम पिछले कुछ समय के दौरान 20 से 30 फीसदी तक घटे हैं और ऐसे में सरकार मौजूदा बाजार भाव से अधिक कुछ भी देने को तैयार नहीं है।
एमार एफजीएफ ने डीडीए के साथ सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत मिलकर 1,168 फ्लैट्स को तैयार करने का ठेका हासिल किया था। कंपनी को उम्मीद थी कि वह इनमें से 70 फीसदी यानी 778 फ्लैट बेच लेगी और इससे मिलने वाले पैसे से वह परियोजना का काम पूरा करेगी।