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सियासी हलचल: आबकारी नीति यूपी में निवेश के लिए कारगर?

​बियर की दुकानों से सटे 100 वर्गमीटर के इलाके को परमिट रूप में विकसित किया जा सकेगा ताकि लोगों को बाहर सड़क पर खड़े होकर न पीना पड़े।

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आदिति फडणीस   
Last Updated- December 26, 2023 | 10:37 PM IST

उत्तर प्रदेश में गत सप्ताह योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल ने 2024-25 की आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान की। पहली बार सरकार ने फ्रैंचाइज शुल्क की व्यवस्था की है ताकि वैश्विक ब्रांड उत्तर प्रदेश की स्थानीय डिस्टिलरीज के साथ सहयोग कर सकें और उनके बॉटलिंग संयंत्रों का इस्तेमाल कर सकें ताकि बिना नई डिस्टिलरी स्थापित करने के दबाव के आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

​बियर की दुकानों से सटे 100 वर्गमीटर के इलाके को परमिट रूप में विकसित किया जा सकेगा ताकि लोगों को बाहर सड़क पर खड़े होकर न पीना पड़े। इसके लिए सालाना 5,000 रुपये की राशि का भुगतान करना होगा। उत्तर प्रदेश में आम, जामुन, कटहल, अंगूर, लीची और अमरूद जैसे स्थानीय फलों की वाइन बनानी शुरू की जाएगी।

एक स्थानीय कारोबारी संजय गुप्ता ने मुजफ्फरनगर में अपने गुप्ता रिजॉर्ट पर प्रदेश की पहली वाइन परियोजना शुरू की है। उनका कहना है, ‘हमने अपना संयंत्र राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 58 पर स्थापित किया है और यहां रोजाना 155 लीटर वाइन बनाई जा सकेगी। यानी करीब 50,000 लीटर का सालाना उत्पादन।’परंतु इस नीति की आलोचना करने वाले भी मौजूद हैं।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आबकारी नीति को उदार बनाने की तीव्र आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘क्या उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के पास प्रदेश को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का यही तरीका शेष है कि वह रेलवे और मेट्रो स्टेशनों तथा क्रूज शिप पर शराब बेचे? इसका अर्थ तो यह हुआ कि करोड़ों रुपये के निवेश के तमाम दावे फर्जी हैं। यही वजह है कि सरकार ऐसे अनैतिक तरीकों से राजस्व कमाना चाह रही है।’

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अक्टूबर से अब तक उत्तर प्रदेश ने ऐसी कई अहम प्रशासनिक पहल की हैं जो दूरगामी प्रभाव वाले साबित हो सकते हैं। अगले दो वर्षों में प्रदेश में नौ नए हवाई अड्‌डे बनाने का काम भी शुरू हो चुका है।

केंद्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ने गत सप्ताह लोक सभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि बीते 65 वर्षों में उत्तर प्रदेश को तीन हवाई अड्‌डे मिले हैं और 2025-26 तक इनकी तादाद बढ़ाकर 18 होने की उम्मीद है। इनमें मेरठ में एक हवाई अड्‌डा भी प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं।

नवंबर में राज्य ने स्वीकार किया था कि अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2022 के बीच प्रदेश में करीब 9,345 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया यानी देश में आए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का करीब 0.7 फीसदी। सरकार ने माना कि यह निवेश कम था और इसके साथ ही उसने ऐसी नीति घोषित की जिसमें विदेशी निवेशकों को जमीन अधिग्रहण, स्टांप शुल्क और पूंजी निवेश को लेकर रियायतें शामिल थीं।

सरकार ने मतदाताओं के अनुकूल अन्य कई कदम उठाए हैं। सरकार अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 तक दो तिमाहियों के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को नि:शुल्क घरेलू गैस सिलिंडर मुहैया कराएगी। इससे करीब 1.75 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे और राज्य सरकार पर 2,312 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। लाभार्थियों को बाजार दर पर सिलिंडर खरीदना होगा और बाद में तेल कंपनी आधार प्रमाणित बैंक खाते में सब्सिडी की राशि वापस करेंगी।

दिल्ली में एक बातचीत में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वह मौजूदा राजनीतिक चुनौती से आमने-सामने की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उनका नारा है: 80 हराओ, भाजपा हटाओ। परंतु शायद यह उतना भी आसान न हो।

नवंबर में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य इकाई के शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई। इनमें दो उप मुख्यमंत्री भी शामिल थे। बैठक में यह चर्चा की गई कि सांसदों आदि जन प्रतिनिधियों के काम पर लोगों की राय कैसे हासिल की जाए?

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उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले एक भाजपा महासचिव ने कहा, ‘एक बार लोगों की राय मिल जाने के बाद राज्य के 30 फीसदी मौजूदा सांसदों को बदला जा सकता है। यह प्रतिपुष्टि मिलनी शीघ्र शुरू हो सकती है।’ 2019 में पार्टी को प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 15 में हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में सपा और बसपा एक साथ लड़े थे। कांग्रेस ने रायबरेली सीट पर जीत हासिल की थी।

इन सभी 15 सीटों पर केंद्र के विस्तारक या पर्यवेक्षक तैनात कर दिए गए हैं। ये केंद्रीय मंत्र हैं जिन्हें इस बार चुनाव नतीजे बदलने का जिम्मा दिया गया है। भाजपा पहले ही उपचुनाव के जरिये आजमगढ़ और रामपुर के रूप में दो सीटें जीत चुकी है।

पूर्व पत्रकार और अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मुखिया रामबहादुर राय कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है प्रदेश को ‘बीमारू’ के टैग से मुक्त कराना। जनवरी 2024 में राम मंदिर का उद्धाटन होना है और माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इसका भी फायदा मिलेगा। पार्टी पहले ही चुनाव प्रचार की शैली अपना चुकी है।

First Published : December 26, 2023 | 10:37 PM IST