Editorial: IT क्षेत्र में लगातार दबाव, बना हुआ कमजोर परिदृश्य

क्षेत्रीय विश्लेषकों ने कमजोर वैश्विक गतिविधियों और उच्च ब्याज दरों को भी दिक्कतदेह कारक बताया है।

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बीएस संपादकीय   
Last Updated- October 27, 2023 | 8:19 PM IST

सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र लगातार दबाव में बना हुआ है। इसे बाजार की घटनाओं, दूसरी तिमाही के नतीजों और आय अनुमान में कटौती के साथ-साथ नौकरियां देने के रुझानों में भी महसूस किया जा सकता है। कंपनियों के प्रबंधन सतर्क हैं और वित्त वर्ष 2024-25 में मांग में सुधार की उम्मीद है।

क्षेत्रीय विश्लेषकों ने कमजोर वैश्विक गतिविधियों और उच्च ब्याज दरों को भी दिक्कतदेह कारक बताया है। तीन बड़ी कंपनियों के नतीजों से कुछ व्यापक निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं जो आने वाले नतीजों और छोटी कंपनियों के लिए आय अनुमान में नजर आएंगे।

आईटी कंपनियां आक्रामक तरीके से लागत कटौती और लागत को व्यावहारिक स्तर पर लाने में लगी हैं ताकि मार्जिन को बरकरार रखा जा सके। बड़े सौदे अभी भी अच्छी दरों पर हो रहे हैं लेकिन उत्पादन में धीमी गति से सुधार और विवेकाधीन परियोजनाओं पर खर्च करने की अनिच्छा माहौल को काफी चुनौतीपूर्ण बना रही है।

कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और एचसीएल टेक में बीते छह महीनों में कुल मिलाकर 25,000 कर्मचारियों की कमी की गई। इन्फोसिस और एचसीएल टेक ने वित्त वर्ष 24 के लिए राजस्व वृद्धि के अनुमान में कटौती की है। टीसीएस जुलाई-सितंबर तिमाही में राजस्व अनुमानों में पिछड़ गई और प्रबंधन की टिप्पणियां बताती हैं कि कंपनी में मांग की वापसी नहीं नजर आ रही है।

बाजार कदमों की बात करें तो निफ्टी आईटी सूचकांक पिछले महीने के दौरान 4.6 फीसदी कम हुआ। वैश्विक एक्सचेंजों पर शीर्ष 25 वैश्विक टेक कंपनियों जिनमें ऐपल, माइक्रोसॉफ्ट, एमेजॉन, टेनसेंट, सैमसंग, ओरेकल और एक्सेंचर आदि शामिल हैं, बाजार पूंजीकरण में जुलाई-सितंबर में 600 अरब डॉलर की कमी आई। कमजोर आर्थिक गतिविधियों और उच्च ब्याज दरों के बावजूद तकनीकी कंपनियों के शेयर आर्टिफिशल इंटेजिलेंस के क्षेत्र में हुए ​विकास के कारण तेज हुए।

2023 के शुरुआती छह महीनों में यह तेजी आई। परंतु फेडरल रिजर्व के हालिया नीतिगत कदमों और हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद बढ़े भूराजनीतिक तनाव के बीच आर्टिफिशल इंटेजिलेंस से जुड़ा उत्साह फीका पड़ गया।

हालांकि टीसीएस, एचसीएल और इन्फोसिस सभी ने मजबूत प्रदर्शन किया लेकिन उनके उत्पादन में सुधार की गति और नकदी प्रवाह धीमा बना हुआ है। हालांकि तीनों बड़ी कंपनियां परिचालन मार्जिन सुधारने में कामयाब रहीं। इन्फोसिस की बिक्री में अच्छा सुधार हुआ लेकिन इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा ऐसा है जो शायद दोबारा न नजर आए। यानी यह एकबारगी राजस्व है। इन्फोसिस ने राजस्व वृद्धि के अनुमान में कमी की है यानी स्थिर मुद्रा राजस्व में वर्ष की दूसरी छमाही में कमी आ सकती है। परंतु उम्मीद की किरण यह है कि कंपनी मार्जिन बरकरार रखने की स्थिति में है।

अधिकांश बड़े सौदों की बात करें तो ये सुर्खियां तो बन सकते हैं लेकिन ये इस उद्योग के विवेकाधीन व्यय में समेकित कटौती की भरपाई नहीं कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2025 के अनुमानों पर सर्वसम्मति बनाने के लिए विवेकाधीन मांग में इजाफा करना होगा। मार्जिन विस्तार भी यही संकेत देता है कि आईटी सेवा कंपनियों के पास अभी भी लागत में और कटौती की गुंजाइश है। यह एक सकारात्मक कारक है।

दूसरा सकारात्मक कारक यह है कि नियुक्तियों में कमी आई है जिससे वेतन बिल कम होगा और प्रति नियुक्ति उत्पादकता में सुधार होगा। क्षेत्रीय स्तर पर देखें तो प्रमुख अमेरिकी बाजार कमजोर बने हुए हैं जबकि यूरोपीय संघ में बेहतर प्रदर्शन वांछित लागत कटौती के साथ बड़े सौदों से संचालित है।

वृद्धि की बात करें तो उसमें विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा क्षेत्र महत्त्वपूर्ण हैं जबकि बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा आदि क्षेत्रों के साथ उच्च प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में कारोबार स्थिर है।

मंदी चक्रीय कारणों से है लेकिन इसका कुछ हिस्सा ढांचागत भी हो सकता है। कई कंपनियों ने डिजिटलीकरण पूरा कर लिया है या वे उसके करीब हैं। आईटी सेवा उद्योग को शायद राजस्व के नए स्रोत तलाश करने होंगे। वृहद आर्थिक नतीजों की बात करें तो आईटी क्षेत्र में कमजोर गतिविधियां ऐसे समय में सेवा निर्यात आय को प्रभावित कर सकती हैं जब कच्चे तेल की कीमतें ऊंची बनी रहने की आशंका है जिससे आयात बिल पर बोझ बढ़ेगा।

First Published : October 17, 2023 | 11:13 PM IST