facebookmetapixel
Bihar Elections 2025: महागठबंधन का घोषणा पत्र, परिवार के एक सदस्य को नौकरी; शराबबंदी की होगी समीक्षासर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां, कम वेतन के जाल में फंसे श्रमिकदिल्ली में बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग, 15 मिनट से 4 घंटे के भीतर बादल बरसने की उम्मीद8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 18 महीने में देगा सिफारिश; 50 लाख कर्मचारियों को होगा लाभडीएपी और सल्फर पर बढ़ी सब्सिडी, किसानों को महंगे उर्वरकों से मिलेगी राहतरिलायंस जल्द करेगी जियो आईपीओ का रोडमैप फाइनल, आकार और लीड बैंकर पर निर्णय साल के अंत तक!आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को राहत, एनसीएलएटी ने ईजीएम पर रोक से किया इनकारQ2 Results: टीवीएस मोटर का मुनाफा 42% बढ़ा, रेमंड रियल्टी और अदाणी ग्रीन ने भी दिखाया दम; बिड़ला रियल एस्टेट को घाटाBS BFSI 2025: आ​र्थिक मुद्दों पर बारीकी से मंथन करेंगे विशेषज्ञ, भारत की वृद्धि को रफ्तार देने पर होगी चर्चाईवी तकनीक में कुछ साल चीन के साथ मिलकर काम करे भारत : मिंडा

निरर्थक होगी कटौती

Last Updated- December 15, 2022 | 3:49 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की इस सप्ताह होने वाली नीतिगत समीक्षा बैठक में आर्थिक हालात में सुधार की कमजोर गति प्रमुख चिंता होगी। उदाहरण के लिए निक्केई पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स जुलाई में गिरकर 46 के स्तर पर रह गया जबकि जून मेंं यह 47.2 के स्तर पर था। हालांकि 50 के नीचे का आंकड़ा गिरावट ही दर्शाता है लेकिन 46 का अद्यतन स्तर यही दिखाता है कि विभिन्न कंपनियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और जब तक कोरोनावायरस पर नियंत्रण नहीं पा लिया जाता तब तक आर्थिक गतिविधियां कमोबेश ठप रहेंगी। देश के कई राज्यों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन की घोषणा की है जो आपूर्ति शृंखला और उपभोक्ताओं की मांग दोनोंं को प्रभावित कर रहा है। अन्य संकेतक भी इसे ही रेखांकित करते हैं। मोबिलिटी सूचकांक जो लोगों के आवागमन को दर्ज करता है, उसमें भी गिरावट आ रही है। नोमुरा के एक हालिया नोट ने यह बात उजागर की है कि एक सूचकांक द्वारा आकलित आर्थिक सुधार सामान्य से करीब 30 फीसदी नीचे है।
जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह सालाना आधार पर 14.6 फीसदी कम रहा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सेवा क्षेत्र के बड़े हिस्से को परिचालन की इजाजत नहीं है। जुलाई में कारों की बिक्री में तेजी से सुधार हुआ लेकिन उसकी सही तस्वीर अभी सामने नहीं आई है। चूंकि कार निर्माता डीलरों के पास भेजी गई कारों को बिक्री में शामिल करते हैं इसलिए एक महीने का आंकड़ा शायद वास्तविक मांग को सामने रख पाने में नाकाम रहे। बहरहाल, रोजगार की स्थिति में जरूर सुधार हुआ है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के अनुसार बेरोजगारी दर जुलाई में 7.43 फीसदी रही। यह दर दिसंबर 2019 के स्तर से कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति शहरों से बेहतर है। कुछ हद तक यह कमजोर आर्थिक गतिविधियों को भी स्पष्ट करती है।
कमजोर सुधार बताता है कि अर्थव्यवस्था को निरंतर नीतिगत मदद की आवश्यकता है। बहरहाल, आर्थिक गतिविधियों का स्तर इकलौता संकेतक नहीं है जिस पर समिति को विचार करना होगा। मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के लक्षित स्तर से ऊपर बनी हुई है और उसमें अपेक्षित गिरावट नहीं आई है।
ऐसे में वास्तविक ब्याज दर कई वर्ष बाद नकारात्मक हो गई है। मौद्रिक नीति समिति को यह चर्चा भी करनी होगी वह वास्तविक ब्याज दरों को किस हद तक नकारात्मक रखना चाहती है क्योंकि यह मुद्रास्फीति को भी प्रभावित करेगी। नकारात्मक वास्तविक ब्याज दर बचतकर्ताओं को परिसंपत्ति बाजार मसलन शेयर और अचल संपत्ति की ओर भी निर्देशित कर सकती है। इससे परिसंपत्ति कीमतों में फर्जी तेजी आ सकती है। इसके अलावा व्यवस्था में काफी नकदी मौजूद है जिसने नीतिगत रीपो दर की महत्ता कम की है। केंद्रीय बैंक को इस मसले को हल करना होगा क्योंकि नकदी में इजाफे का असर मुद्रास्फीति संबंधी नतीजों पर पड़ सकता है।
रिजर्व बैंक मुद्रा बाजार में भी हस्तक्षेप कर रहा है जिससे रुपये की उपलब्धता बढ़ी है। चूंकि आयात में गिरावट के चलते आने वाली तिमाहियों में भुगतान संतुलन अधिशेष की स्थिति बन सकती है और निरंतर हस्तक्षेप से नकदी काफी बढ़ेगी तो ऐसे में शायद वक्त आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय ऋण तक पहुंच सीमित की जाए। ऐसे में वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अनिश्चितता और हाल के महीनों में रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई गुंजाइश को देखते हुए सलाह यही है कि नीतिगत दरों में बदलाव न किया जाए। मौद्रिक नीति समिति अगर निकट भविष्य में प्रतीक्षा करे तो बेहतर होगा। अगर एक और बार दरों में कटौती की गई तो आर्थिक गतिविधियों पर असर नहीं होगा क्योंकि फिलहाल कोविड-19 के प्रसार ने उन्हें एकदम सीमित रखा है।

First Published - August 3, 2020 | 11:40 PM IST

संबंधित पोस्ट