प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अगर आप भी अधिक ट्रांजेक्शन्स करते हैं तो आपको सावधान रहना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि आयकर विभाग ऐसे लेनदेन पर कड़ी नजर रखता है। अगर आपकी आय और लेनदेन से दिखने वाली जीवनशैली में कोई अंतर पाया जाता है, तो आपको टैक्स नोटिस मिल सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे आप कानून के दायरे में रह सकते हैं।
सिंहानिया एंड कंपनी के पार्टनर अमित बंसल के अनुसार, आयकर विभाग उन लेनदेन पर विशेष ध्यान देता है जो किसी व्यक्ति की आय के अनुरूप नहीं दिखते। इनमें शामिल हैं:
बंसल कहते हैं, “ये लेनदेन नियमित रूप से वित्तीय संस्थानों द्वारा स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT) के तहत दर्ज किए जाते हैं, जिससे आयकर विभाग को गड़बड़ी पकड़ने में मदद मिलती है।”
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बंसल बताते हैं कि वित्तीय संस्थानों को SFT के तहत निम्नलिखित लेनदेन की जानकारी देनी होती है:
इन सीमाओं को जानने से टैक्सपेयर्स को यह समझने में मदद मिलती है कि कौन से लेनदेन आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं, भले ही उन्होंने खुद इसका खुलासा न किया हो।
नोटिस मिलने पर क्या करें?
टैक्सपेयर्स को नोटिस से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए। सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर कुणाल सवानी सलाह देते हैं कि सभी रिकॉर्ड पूरे और सटीक रखें। सवानी कहते हैं, “समय पर रिटर्न दाखिल करें, सभी आय के स्रोतों का खुलासा करें, जिसमें छूट वाली आय भी शामिल हो, और बैंक स्टेटमेंट, इनवॉइस, और धन के स्रोतों का सबूत जैसे डॉक्यूमेंट्स संभालकर रखें।”
बंसल कहते हैं कि भुगतान हमेशा बैंकिंग चैनलों के माध्यम से करें, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म 26AS में दर्ज जानकारी की जांच करें, और रिटर्न में दी गई जानकारी को वास्तविक लेनदेन के साथ मिलाएं।
वे कहते हैं, “संपत्ति सौदों या फॉरेन रेमिटेंस जैसे बड़े लेनदेन के लिए किसी पेशेवर की मदद लेनी चाहिए।”
टैक्स नोटिस मिला? अब ये करें
बंसल कहते हैं, “घबराएं नहीं।”
पहला कदम है नोटिस को ध्यान से पढ़ना, उसमें उठाए गए मुद्दे को समझना, और संपत्ति के कागजात, बैंक रिकॉर्ड, या लेनदेन के सबूत जैसे सभी जरूरी डॉक्यूमेंट इकट्ठा करना। आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से समय पर और पारदर्शी जवाब देना जरूरी है।
बंसल सलाह देते हैं, “अगर मामला जटिल है, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें ताकि आपका जवाब सटीक और पूर्ण हो। समय पर सहयोग से ज्यादातर मामले बिना किसी और परेशानी के सुलझ सकते हैं।”