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रिवाइज्ड न्यू टैक्स रिजीम को ‘शानदार’ रिस्पांस मिलने की उम्मीद: CBDT प्रमुख

Published by
भाषा
Last Updated- February 03, 2023 | 4:12 PM IST

सरकार को रिवाइज्ड न्यू टैक्स रिजीम के लिए ‘शानदार’ रिस्पांस मिलने की उम्मीद है और उसका मानना है कि इसका लाभ टैक्‍सपेयर्स के हर वर्ग तक पहुंचेगा। एक शीर्ष आयकर अधिकारी ने शुक्रवार को यह संभावना जताई।

आम बजट 2023-24 में नई वैकल्पिक कर व्यवस्था में बदलाव की पेशकश की गई है, जिसमें सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगाने का प्रावधान किया गया है। संशोधित व्यवस्था में टैक्‍सपेयर्स को 50,000 रुपये की मानक कटौती (standard deduction) का दावा करने की अनुमति भी दी गई है।

माना जा रहा है कि इस पहल के जरिए सरकार वेतनभोगी वर्ग को न्यू टैक्स रिजीम अपनाने के लिए लुभा रही है। हालांकि इसमें निवेश पर कोई कर छूट नहीं दी जाती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा, ‘टैक्‍सपेयर्स के हर वर्ग तक लाभ पहुंच रहा है… यह देखते हुए कि नई व्यवस्था में वेतनभोगी करदाताओं को मानक कटौती मिलेगी, प्रभावी रूप से 7.50 लाख रुपये तक आय वाले वेतनभोगी कर्मचारी को किसी भी तरह का कर देने की जरूरत नहीं होगी।’

बजट में मानक कटौती का विस्तार करने के अलावा छूट की सीमा भी बढ़ा दी गई है। नई कर व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। तीन से छह लाख रुपये के बीच की आय पर पांच फीसदी कर लगेगा। छह से नौ लाख रुपये पर 10 फीसदी, नौ से 12 लाख रुपये पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी कर लगेगा।

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इस संशोधनों के बाद न्यू टैक्स रिजीम उस व्यक्ति के लिए अधिक फायदेमंद होगी, जिसके पास आयकर कटौती का दावा करने के लिए पर्याप्त निवेश नहीं है। गुप्ता ने कहा, ‘हमने योजना को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश की है, क्योंकि इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं है। इसके लिए करदाताओं को कोई दस्तावेज जमा करने की भी जरूरत नहीं। साथ ही कर प्रशासन के लिए इस योजना को संचालित करना आसान है।’

गुप्ता ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित न्यू टैक्स रिजीम योजना को शानदार रिस्पांस मिलेगा।’

First Published : February 3, 2023 | 4:02 PM IST