Senior Citizen Income Tax Benefits: रिटायरमेंट का मतलब सिर्फ काम से छुट्टी नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों के साथ एक नया चैप्टर शुरू करना भी है। अच्छी खबर ये है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटायर्ड लोगों के लिए कई टैक्स राहतें दी हैं, जो उनकी फाइनेंशियल प्लानिंग को आसान और फायदेमंद बनाती हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) के हालिया डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, सीनियर सिटीजन्स को ऊंची छूट सीमा से लेकर टैक्स-फ्री रिटायरमेंट पेमेंट तक कई खास फायदे मिल रहे हैं। आइए, इनके बारे में आसान भाषा में जानते हैं।
सीनियर सिटीजन्स के लिए ज्यादा टैक्स छूट
ओल्ड टैक्स रिजीम में, 60 से 80 साल की उम्र वाले सीनियर सिटीजन्स को 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, जबकि आम लोगों के लिए ये सीमा 2.5 लाख रुपये है। वहीं, 80 साल से ज्यादा उम्र के ‘सुपर सीनियर सिटीजन्स’ के लिए टैक्स-फ्री सीमा 5 लाख रुपये तक है। यानी, रिटायरमेंट के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम काफी कम हो सकती है।
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रिटायरमेंट पेमेंट्स पर टैक्स में छूट
रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली कई राशियां टैक्स-फ्री हैं। इनमें शामिल हैं:
- ग्रैच्युटी: सेक्शन 10(10) के तहत पूरी तरह या आंशिक रूप से टैक्स-फ्री, ये नौकरी के प्रकार पर निर्भर करता है।
- कम्यूटेड पेंशन: सेक्शन 10(10A) के तहत खास शर्तों पर टैक्स-फ्री।
- लीव एनकैशमेंट: सेक्शन 10(10AA) के तहत तय सीमा तक टैक्स-फ्री।
- प्रोविडेंट फंड और सुपरएनुएशन: मान्यता प्राप्त फंड्स से मिलने वाली राशि भी सेक्शन 10(11), 10(12) और 10(13) के तहत टैक्स-फ्री है।
हालांकि, मासिक पेंशन (अनकम्यूटेड) को ‘सैलरी’ के तहत टैक्स देना पड़ता है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन और एडवांस टैक्स से राहत
पेंशन पाने वाले रिटायर्ड लोगों को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। साथ ही, अगर सीनियर सिटीजन्स की कोई बिजनेस इनकम नहीं है, तो उन्हें एडवांस टैक्स देने की जरूरत नहीं। इससे टैक्स कंप्लायंस का बोझ कम हो जाता है।
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मेडिकल और ब्याज आय पर छूट
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल खर्च बढ़ जाते हैं, और टैक्स नियम इसे समझते हैं:
- हेल्थ इंश्योरेंस और मेडिकल खर्च: सेक्शन 80D के तहत 50,000 रुपये तक की छूट।
- खास बीमारियों का इलाज: सेक्शन 80DDB के तहत 1 लाख रुपये तक की छूट।
- ब्याज आय पर राहत: बैंक, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव बैंक से मिलने वाले ब्याज पर सेक्शन 80TTB के तहत 50,000 रुपये तक की छूट। अगर ब्याज आय 50,000 रुपये से कम है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटता।
खास सुविधाएं और ITR में छूट
- रिवर्स मॉर्गेज स्कीम: इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि को कैपिटल गेन्स नहीं माना जाता।
- 80+ के लिए आसान ITR: 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग, जिनकी आय 5 लाख से ज्यादा है या रिफंड बकाया है, मैनुअली रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
- 75+ के लिए ITR से छूट: असेसमेंट ईयर 2022-23 से, 75 साल से ज्यादा उम्र के लोग, जिनकी आय सिर्फ पेंशन और ब्याज से है (एक ही बैंक से), उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं। बैंक टैक्स की गणना और कटौती करेगा।
First Published : May 26, 2025 | 6:28 PM IST