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वय वंदना में लगानी है रकम तो वक्त बचा है बहुत कम

भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा संभाली जा रही यह योजना 31 मार्च को बंद हो रही है। इसमें 7.4 फीसदी वार्षिक ब्याज की गारंटी है, जो हर महीने अदा किया जाता है।

Published by   बिंदिशा सारंग
- 26/03/2023 9:29 PM IST

चालू वित्त वर्ष खत्म होने में दो-चार दिन ही बचे हैं। 31 मार्च आ रही है और कई तरह के निवेश के लिए यही आखिरी तारीख है। अगर इन निवेश योजनाओं पर मिलने वाला फायदा गंवाना नहीं है तो जल्द से जल्द यह काम पूरा कर लीजिए क्योंकि इनमें से कुछ योजनाएं अगले साल उपलब्ध ही नहीं होंगी।

नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों से कर मुक्त धन

यदि आप 31 मार्च तक नॉन-लिंक्ड (पारंपरिक) बीमा पॉलिसी में निवेश कर देते हैं तो प्रीमियम कुछ भी हो, परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पूरी तरह कर मुक्त होगी। 2023 के बजट को मंजूरी मिल चुकी है और उसके मुताबिक अगले वित्त वर्ष से पारंपरिक बीमा पॉलिसियों में 5 लाख रुपये तक प्रीमियम राशि पर ही मिलने वाली परिपक्वता राशि कर मुक्त रहेगी।

एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के बोर्ड सदस्य लोवई नवलखी कहते हैं, ‘अगर आप रिटायरमेंट के बाद प्रतिफल की गारंटी चाहते हैं तो कर मुक्त रिटर्न मुहैया कराने वाली गारंटीड नॉन-लिंक्ड बीमा पॉलिसी आपके लिए एकदम सही है।’

अगर आप दूसरे विकल्प चुनते हैं तो उनमें उतार-चढ़ाव, पुनर्निवेश के जोखिम, निवेश राशि की तयशुदा सीमा और कराधान जैसी बंदिशें हैं। सरकारी बॉन्डों (40 साल तक की अवधि) को छोड़ दें तो कुछ ही योजनाएं 20 साल के बाद भी गारंटीशुदा रिटर्न दे सकती हैं। यह बात अलग है कि इन बॉन्ड से मिलने वाले रिटर्न पर कर चुकाना पड़ेगा।

अगर जीवनसाथी या किसी संतान को वित्तीय समझ नहीं है तो उसे नियमित आय प्रदान करने के लिए भी पारंपरिक बीमा पॉलिसी का इस्तेमाल हो सकता है। नवलखी समझाते है, ’31 मार्च, 2023 से पहले इन पॉलिसी में निवेश करना वाकई फायदेमंद रहेगा।’

वय वंदना योजना में जल्दी करें

सरकार की गारंटी वाली पेंशन योजना प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) में निवेश करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के पास अब नहीं के बराबर समय बचा है। भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा संभाली जा रही यह योजना 31 मार्च को बंद हो रही है। इसमें 7.4 फीसदी वार्षिक ब्याज की गारंटी है, जो हर महीने अदा किया जाता है। 31 मार्च तक खरीदी गई सभी पॉलिसियों पर पूरे 10 साल के लिए इसी दर से पेंशन दी जाएगी।

सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार और हम फौजी इनीशिएटिव्स के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) कर्नल (सेवानिवृत्त) संजीव गोविला समझाते हैं, ‘वय वंदना योजना निवेश का सुरक्षित विकल्प है क्योंकि इसमें सरकार की गारंटी है। इसमें स्थिर आय वाली कई दूसरी योजनाओं से ज्यादा दर पर ब्याज भी मिलता है।’ उनकी राय में इसकी एक ही कमी है कि यह महंगाई से नहीं बचाती यानी पेंशन से मिलने वाले भुगतान की असली कीमत समय बीतने के साथ कम होती जाएगी।

गोविला उन बुजुर्गों को वय वंदना योजना की सलाह देते हैं, जिनके पास अभी कोई पेंशन योजना नहीं है और रिटायरमेंट के बाद जिन्हें आय की गारंटी देने वाला स्रोत चाहिए। वह वरिष्ठ नागरिक बचत योजना को वय वंदना से बेहतर मानते हैं। लेकिन जिनके पास धन है, उन्हें वे दोनों में निवेश की सलाह देते हैं।

एसबीआई अमृत कलश

यह सावधि जमा (एफडी) योजना सामान्य लोगों के साथ अनिवासी भारतीय निवेशकों के लिए भी खुली है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को 400 दिन के लिए 7.6 फीसदी और अन्य को 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है।

माईमनीमंत्रा डॉट कॉम के संस्थापक और प्रबंध निदेशक राज खोसला की राय है, ‘यह योजना खास तौर पर उन बुजुर्गों के लिए बनाई गई है, जो रिटायरमेंट के बाद आय का ठोस स्रोत तलाश रहे हैं।’ लेकिन इस योजना में एक दिक्कत हो सकती है – इसमें मिल रही ब्याज दर कई बैंकों की एफडी ब्याज दर से कम है।

जिन वरिष्ठ नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग संकट का असर भारतीय बाजारों पर पड़ने की फिक्र है, वे इसे चुन सकते हैं क्योंकि इसे भारत के सबसे भरोसेमंद बैंक कहलाने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की गारंटी हासिल है।

पूंजीगत लाभ से छूट

इक्विटी फंड और शेयरों में 1 लाख रुपये तक के दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर कर नहीं लगता। 1 लाख रुपये से अधिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन के बगैर 10 फीसदी कर लगता है। अगर आप अपने पोर्टफोलियो में किसी खास इक्विटी योजना में निवेश बंद कर निकासी करना चाहते हैं तो 31 मार्च से पहले कीजिए तभी आपको 2022-23 के लिए 1 लाख रुपये की कर मुक्त सीमा का फायदा मिलेगा।

अल्पावधि पूंजीगत लाभ पर 15 फीसदी की दर से कर वसूला जाता है। इसलिए ध्यान रहे कि वे यूनिट ही बेची जाएं, जो 1 साल से ज्यादा पुरानी हों। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी में पार्टनर विवेक जालान कहते हैं, ‘इस तरह का कोई भी लेनदेन करने से पहले ब्रोकरेज आदि पर आने वाले खर्च का हिसाब-किताब लगा लें।’