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निवेशकों की बढ़ती निवेश निकासी से शुद्ध SIP पर असर

लार्जकैप योजनाओं से सबसे ज्यादा निकासी

Published by
अभिषेक कुमार   
Last Updated- September 28, 2023 | 9:37 PM IST

SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में सकल निवेश लगातार नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है, लेकिन शुद्ध निवेश के आधार पर बात करें तो इस वित्त वर्ष में यह सुस्त रहा है, जिसकी वजह निवेश निकासी में हो रही बढ़ोतरी है। म्युचुअल फंड उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

एसआईपी खातों से निवेश निकासी वित्त वर्ष 2023-24 में लगातार हो रही है और जुलाई में यह 9,750 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। अगस्त में निवेश निकासी थोड़ी कम हुई और यह 8,740 करोड़ रुपये रहा।

नतीजतन वित्त वर्ष 24 के पहले पांच महीने में शुद्ध एसआईपी निवेश औसतन 6,170 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 के 7,000 करोड़ रुपये के औसत से कम है। शु्द्ध एसआईपी निवेश से मतलब किसी खास अवधि में सकल एसआईपी निवेश में एसआईपी खाते से हुई निवेश निकासी को घटाकर आए आंकड़े से है।

एसआईपी खाते से निवेश निकासी ऐक्टिव इक्विटी फंड के स्तर पर दिखे ट्रेंड के मुताबिक है। इन योजनाओं से निवेश निकासी जुलाई में 30 महीने के उच्चस्तर 30,400 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी। वित्त वर्ष 24 में निवेश निकासी में बढ़ोतरी मोटे तौर पर इक्विटी बाजार में मजबूती को देखते हुए हुई मुनाफावसूली के चलते है।

अगस्त के आखिर तक बेंचमार्क निफ्टी-50 ने मार्च से लेकर अगले पांच महीने में हर महीने बढ़ोतरी दर्ज की और इस अवधि में यह करीब 14 फीसदी चढ़ा है। ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐंड इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म फायर्स के उपाध्यक्ष (शोध) गोपाल कावलीरेड्डी ने कहा, कैलेंडर वर्ष 2023 में जनवरी-मार्च की अवधि के बाद भारतीय शेयर बाजारों में अप्रैल से लगातार बढ़ोतरी हुई और व्यापक बाजार ने निफ्टी-50 व अन्य प्रमुख सूचकांको के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, स्मार्ट निवेशकों ने पिछले पांच महीने में उम्दा बढ़त को भुनाया है।

म्युचुअल फंड वितरक भी मुनाफावसूली को निवेश निकासी की वजह बताते हैं। वरिष्ठ म्युचुअल फंड वितरक निखिल ठक्कर ने कहा, हमने अपने क्लाइंटों की तरफ से बहुत ज्यादा निवेश निकासी नहीं देखी है। कुछ मुनाफावसूली हुई है, जिसकी वजह निवेशक चाहते हैं कि वे रियल एस्टेट में विशाखित करें।

पिछले पांच महीने में एसआईपी पंजीकरण और इस खाते नियमित नहीं रखने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। पंजीकरण हर माह बढ़ा है और अप्रैल 2023 के 20 लाख से बढ़कर अगस्त में 36 लाख पर पहुंच गया, वहीं खाता नियमित नहीं रखने का मामला भी इस अवधि में 13 लाख से 20 लाख पर पहुंच गया।

निवेश निकासी मोटे तौर पर लार्जकैप योजनाओं से हुई है, जो इक्विटी में सबसे बड़ी श्रेणी में से एक है। पिछले पांच महीने में निवेशकों ने इन योजनाओं से शुद्ध आधार पर 5,600 करोड़ रुपये की निकासी की है। शुद्ध निवेश के आंकड़ों का विश्लेषण एकमुश्त निवेश के हासिया ट्रेंड को भी बताता है। अगस्त में इक्विटी योजनाओं में शुद्ध रूप से एकमुश्त निवेश में काफी तेजी आई।

निवेशकों ने अगस्त में एकमुश्त निवेश शुद्ध आधार पर 14,500 करोड़ रुपये का किया,जो शायद इक्विटी बाजार के रुख के चलते था। मार्च 2023 से लगातार चड़ रहे बाजार ने अगस्त में अपनी धार थोड़ी खो दी और बेंचमार्क सूचकांकों में पांच महीने से आ रही बढ़त थम गई।

एनएसई का निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स पिछले महीने 2.5-2.5 फीसदी टूटा है। हालांकि व्यापक बाजार में तेजी बनी रही और निफ्टी स्मॉलकैप 4.6 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी मिडकैप में 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

First Published : September 28, 2023 | 9:37 PM IST