भारत का शेयर बाजार बहुत बड़ा है जहां 5,000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं। और हर कोई चाहता है कि उसका पैसा सही जगह लगे। लेकिन सवाल ये है कि कहां निवेश करें और कहां बचकर रहें? अगर आप भी इसी दुविधा में हैं, तो ओम्नीसाइंस कैपिटल की एक नई स्टडी “Omni Four Folios: Study on Indian Equity Markets” आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में पैसा लगाना सही रहेगा या नहीं?
स्टडी बताती है कि फिलहाल मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के दाम काफी बढ़ चुके हैं, यानी ये ओवरवैल्यूड हैं। हालांकि, इनकी ग्रोथ पोटेंशियल अच्छी है। दूसरी तरफ, लार्जकैप स्टॉक्स ज्यादा सही दाम पर मिल रहे हैं, यानी अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो यहां आपको बेहतर मौके मिल सकते हैं।
अगर नंबरों की बात करें, तो 25 दिसंबर 2024 तक प्रमुख इंडेक्स का PE रेशियो इस प्रकार है:
Nifty 50 – 23.3
BSE Midcap – 29.9
BSE Smallcap – 32.6
Nifty 500 – 26.7
इन आंकड़ों से साफ है कि बड़े स्टॉक्स का दाम औसतन सही चल रहा है, लेकिन छोटे स्टॉक्स महंगे हो चुके हैं। फिर भी, कुछ स्मॉलकैप कंपनियां शानदार रिटर्न दे सकती हैं, बस सही चुनाव करना जरूरी है।
चार तरह की कंपनियां – कहां पैसा लगाएं और कहां बिल्कुल नहीं?
ओम्नीसाइंस कैपिटल ने भारतीय बाजार को चार कैटेगरी में बांटा है, ताकि निवेशक समझ सकें कि कहां पैसा लगाना फायदेमंद रहेगा और कहां नुकसान हो सकता है।
Capital Destroyers – सबसे खतरनाक कंपनियां
इन कंपनियों में पैसा लगाने का मतलब है पैसा डूबाना। ज्यादातर स्मॉलकैप कंपनियां इस कैटेगरी में आती हैं। इसमें 374 कंपनियों में से 341 Smallcap हैं। केमिकल्स, रियल एस्टेट, टेक्सटाइल, टेलीकॉम, मेटल्स और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर इसमें सबसे ज्यादा शामिल हैं।
Capital Eroders – धीरे-धीरे घाटा देने वाली कंपनियां
इस कैटेगरी की कंपनियां धीरे-धीरे निवेशकों का पैसा कम कर देती हैं। ऑटोमोबाइल, केमिकल्स, ऑयल & गैस और मशीनरी सेक्टर की कई कंपनियां इसमें शामिल हैं।
Capital Imploders – अच्छी कंपनियां, लेकिन बहुत महंगी
इन कंपनियों की ग्रोथ अच्छी होती है, लेकिन इनका दाम इतना ज्यादा होता है कि यहां पैसा लगाना नुकसान कर सकता है। फार्मा, टेक्सटाइल, IT, फूड और पर्सनल केयर कंपनियां इस कैटेगरी में आती हैं।
Capital Multipliers – असली हीरे
यही वो कंपनियां हैं जहां पैसा लगाने से दमदार रिटर्न मिलने की संभावना सबसे ज्यादा है। बैंकिंग, कंस्ट्रक्शन, ऑटोमोबाइल, मेटल्स और NBFCs जैसे सेक्टर की कई मजबूत कंपनियां इस कैटेगरी में आती हैं।
Super Folio – सबसे तगड़े रिटर्न देने वाली कंपनियां कौन सी हैं?
Capital Multipliers में भी सबसे बेहतरीन कंपनियों को Super Folio नाम की एक अलग कैटेगरी में रखा गया है। ये वे कंपनियां हैं जो मजबूत बैलेंस शीट, शानदार ग्रोथ और सही दाम पर मिलती हैं। इस फोलियो में 50% से ज्यादा हिस्सा बैंकिंग सेवाओं का है और 80% कंपनियां Largecap कैटेगरी में आती हैं। मतलब, अगर बड़े बैंकों पर नजर डाली जाए, तो उनमें निवेश के अच्छे मौके मिल सकते हैं। इसके अलावा, कुछ खास NBFCs और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां अभी कम कीमत पर मिल रही हैं, लेकिन भविष्य में इनमें अच्छी ग्रोथ दिख सकती है।
बैंकिंग के अलावा, कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग, केमिकल्स, ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स, और मेटल्स और माइनिंग जैसे सेक्टर भी निवेश के लिए अच्छे ऑप्शन हो सकते हैं। Super Folio खास इसलिए है क्योंकि इसमें उन्हीं कंपनियों को रखा गया है जिनमें ग्रोथ की जबरदस्त क्षमता, मजबूत बिजनेस मॉडल और सही कीमत पर उपलब्ध होने का फायदा मिलता है। यही वजह है कि लॉन्ग टर्म के लिए यह फोलियो जबरदस्त रिटर्न देने की क्षमता रखता है।
निवेश करने से पहले ये बातें जरूर याद रखें
ओम्नीसाइंस कैपिटल की सलाह है कि किसी भी निवेशक को कम से कम 20 कंपनियों में पैसा लगाना चाहिए और किसी एक कंपनी में 5% से ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए। साथ ही, 4-6 अलग-अलग सेक्टर्स में पैसा लगाना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।