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EPFO Higher Pension : ज्यादा पेंशन के लिए बकाए राशि को EPS में कैसे करें ट्रांसफर

पेंशन की गणना को लेकर नया सर्कुलर जारी किया जाएगा ।

Published by
अजीत कुमार
Last Updated- May 15, 2023 | 8:53 PM IST

वैसे कर्मचारी जो ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करना चाह रहे हैं लेकिन बकाए राशि/ योगदान  के पेंशन फंड में ट्रांसफर / भुगतान को लेकर भ्रम में हैं। उनके इसी भ्रम को कुछ हद तक दूर करने के लिए ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से 11 मई यानी गुरुवार को नया सर्कुलर आया है।

इस सर्कुलर में यह भी बताया गया है पेंशन की गणना को लेकर नया सर्कुलर जारी किया जाएगा।

EPFO ने अपने सदस्यों को ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिये नियोक्ताओं (employers) के साथ संयुक्त विकल्प फॉर्म (joint option form) भरने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी है। इसके लिये समय सीमा पहले तीन मई, 2023 थी, जिसे बढ़ाकर 26 जून, 2023 कर दिया गया है।

इस सर्कुलर की मोटी बातों को समझते हैं –

ज्यादा पेंशन के लिए बकाए योगदान का कैलकुलेशन 

नियोक्ता (employer) को योग्य आवेदक की सैलरी डिटेल ईपीएफओ (EPFO) को देनी होगी। जिसके वेरिफिकेशन के बाद ही फील्ड ऑफिस उस आवेदक के बकाए योगदान और ब्याज की गणना करेगा।

-इस सर्कुलर के मुताबिक ज्यादा पेंशन के लिए बकाए अंशदान और उस पर ब्याज की गणना मासिक (monthly) तौर पर की जाएगी।

-ज्यादा पेंशन के लिए बकाए अंशदान (contribution) की गणना या तो 16 नवंबर 1995 से या जब से पेंशन फंड में अंशदान पेंशनेबल सैलरी की लिमिट से ज्यादा हो गई हो।

-3 मई को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक वास्तविक सैलरी के हिसाब से पेंशन फंड (pension fund) में अंशदान पेंशनेबल सैलरी की लिमिट से जितना ज्यादा होगा, नियोक्ता को उस अतिरिक्त अंशदान पर अतिरिक्त 1.16 फीसदी यानी बेसिक सैलरी के 8.33 फीसदी के बजाए 9.49 फीसदी राशि पेंशन फंड में डालनी होगी। यह नियम 1 सितंबर 2014 से प्रभावी माना जाएगा।

-इस तरह से पेंशन फंड में पेंशनेबल सैलरी की लिमिट से ज्यादा अंशदान और नियोक्ता की तरफ से अतिरिक्त 1.16 फीसदी के अंशदान को मिलाकर जो कुल धनराशि बनेगी उसे अभी तक पेंशन फंड में अंशदान की गई कुल राशि से घटा दिया जाएगा। घटाने के बाद बची राशि के ऊपर आपको उतना ही ब्याज  देना होगा जितना ईपीएफ में जमा धनराशि पर आपको मिली है।

आवेदकों की कैटेगरी

सर्कुलर के मुताबिक आवेदकों को तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा

-पहली कैटेगरी उन आवेदकों की होगी जिन्होंने जरूरी बकाए अंशदान का भुगतान ईपीएस (EPS) में पहले ही कर दिया है।

-दूसरी ऐसे आवेदकों की जिनके पेंशन फंड में बकाए अंशदान का भुगतान नहीं हुआ है। लेकिन ईपीएफ (EPF) अकाउंट में इतनी राशि है जिससे पेंशन फंड में बकाए अंशदान का भुगतान हो सके। इन आवेदकों को बकाए राशि का ईपीएफ से पेंशन फंड में ट्रांसफर को लेकर लिखित सहमति देनी होगी।

-तीसरी कैटेगरी उन आवेदकों की होगी जिनके ईपीएफ अकाउंट में उपलब्ध राशि इतनी नहीं है जिससे पेंशन फंड में बकाए अंशदान का पूरा भुगतान हो सके। ऐसे आवेदकों को ईपीएफ से ईपीएस में फंड ट्रांसफर के बाद जो बकाया राशि बचेगी उसका पेंशन फंड में भुगतान अपने बैंक अकाउंट के जरिए या तो ऑनलाइन या चेक के जरिए  करना होगा।

बकाए योगदान का ट्रांसफर / भुगतान कब तक

कैटेगरी के आधार पर बकाए राशि के संबंध में आपको आपके लास्ट/मौजूदा नियोक्ता के जरिए सूचित किया जाएगा। साथ ही ईपीएफ फंड से पेंशन फंड में ट्रांसफर को लेकर कर्मचारी की लिखित सहमति ली जाएगी।

बकाए राशि को ईपीएफ से पेंशन फंड में ट्रांसफर को लेकर लिखित सहमति देने या बकाए राशि को पेंशन फंड में जमा डिमांड लेंटर के जारी होने के तीन महीने के अंदर करना होगा। बकाए राशि को पेंशन फंड में जमा आप उसी बैंक अकाउंट के जरिए कर सकते हैं जो आपके पीएफ अकाउंट से लिंक्ड है।

 

First Published : May 12, 2023 | 8:08 AM IST