ग्लोबल कीमतों में रिकॉर्डतोड़ तेजी के बीच घरेलू बाजार में आज यानी 4 दिसंबर का दिन गोल्ड (gold) के लिए बेहद शानदार रहा। क्या स्पॉट क्या फ्यूचर हर जगह सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड बनाया। ग्लोबल मार्केट में कीमतें पहली बार 2,100 डॉलर प्रति औंस के ऊपर गई। वहीं घरेलू फ्यूचर मार्केट में पहली बार 64 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई। घरेलू स्पॉट मार्केट में भी सोना पहली बार 63 हजार के आगे निकला।
यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के पिछले शुक्रवार को आए बयान के बाद यूएस डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) और यूएस बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड (US Benchmark Bond Yield) में देखी जा रही गिरावट की वजह से ग्लोबल मार्केट में जबरदस्त तेजी आई। पॉवेल से पहले भी फेड के कुछ अधिकारियों की तरफ से ऐसे ही बयान आ चुके हैं। इन बयानों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक अगले साल मार्च से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है।
घरेलू फ्यूचर मार्केट
घरेलू फ्यूचर मार्केट में सोमवार को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों ने लगातार 5वें कारोबारी दिन रिकॉर्ड बनाया। इंट्राडे ट्रेडिंग में बेंचमार्क फरवरी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई (new all-time high) पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र (1 दिसंबर) में इसने 63,382 रुपये का हाई बनाया था। अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट तो इससे भी आगे जाकर आज 64,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई तक पहुंच गया।
इससे पहले MCX पर सोने का बेंचमार्क फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट 5 अक्टूबर को 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चला गया था। इस तरह से देखें तो पिछले दो महीने में कीमतों में तकरीबन 15 फीसदी की तेजी आई है।
घरेलू स्पॉट मार्केट
हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी आज सोने की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) आज 553 रुपये की मजबूती के साथ 63281 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया। पिछले महीने के अंत (31 अक्टूबर) में सोना 24 कैरेट (999) 61,370 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। जबकि अक्टूबर की शुरुआत में यह 56,500 के स्तर पर था।
ग्लोबल मार्केट
अंतरराष्ट्रीय मार्केट (global market) में भी आज सोना अपने उच्चतम स्तर पर दिखा। स्पॉट गोल्ड (spot gold) आज के कारोबार में बढ़कर 2,135.39 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई तक चला गया। स्पॉट गोल्ड इसी साल 5 मई को 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक पहुंच गया था। इससे पहले 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था।
इसी तरह यूएस फरवरी गोल्ड फ्यूचर्स भी आज 2,152.30 की रिकॉर्ड ऊंचाई तक जा पहुंचा। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स इसी साल 5 मई को 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा था। जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।
इजरायल पर हमास के हमले से ठीक एक दिन पहले यानी 6 अक्टूबर को इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 1,809.50 डॉलर प्रति औंस के अपने 7 महीने के निचले स्तर तक चला गया था। इस तरह अक्टूबर की शुरुआत से इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 18 फीसदी मजबूत हुआ है।
कीमतों में तेजी की वजह
जानकारों के मुताबिक यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के पिछले शुक्रवार को आए बयान के बाद यूएस डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) और यूएस बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड (US Benchmark Bond Yield) में तेज गिरावट आई। परिणामस्वरूप सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में शानदार तेजी आई और घरेलू लेवल पर कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इन बयानों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर पीछे छूट चुका है और अमेरिकी केंद्रीय बैंक अगले साल मार्च से ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है।
गोल्ड पर कोई इंटरेस्ट/यील्ड नहीं मिलता इसलिए अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट से सोना निवेश के दृष्टिकोण से ज्यादा आकर्षक हो जाता है और येलो मेटल (yellow metal) की कीमतों में तेजी आती है। वहीं डॉलर में कमजोरी अन्य करेंसी में गोल्ड की कीमत को बढ़ा देती है।
10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड फिलहाल 3 महीने के निचले स्तर पर है। यूएस डॉलर इंडेक्स में भी पिछले 3 हफ्तों से लगातार गिरावट देखी गई है। नवंबर का महीना तो पिछले एक साल में प्रदर्शन के लिहाज से सबसे खराब रहा। जब यूएस डॉलर इंडेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की कमजोरी आई।
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ग्लोबल लेवल पर महंगाई दर के ऊंची बने रहने और वैश्विक अर्थव्यवस्था (global economy) में सुस्ती की वजह से भी सोने को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं भू-राजनीतिक तनाव (geo-political tensions) खासकर इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष के मद्देनजर निवेश के सुरक्षित विकल्प (safe-haven) के तौर पर येलो मेटल (yellow metal) की मांग बढ़ गई है।
इतना ही नहीं सोने में इन्वेस्टमेंट डिमांड को लेकर भी स्थिति बेहतर हुई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (SPDR Gold Shares ETF) में नवंबर के दौरान 1 बिलियन डॉलर का नेट/शुद्ध निवेश (net inflow) हुआ। मार्च 2022 के बाद इस फंड में यह सबसे ज्यादा निवेश है। इससे पहले लगातार 5 महीने इस फंड से निकासी (net outflow) देखने को मिली थी।
इसके अलावा केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की तरफ से सोने की लगातार हो रही खरीदारी ने भी कीमतों को एक हद तक सपोर्ट किया है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा कैलेंडर ईयर की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 337.1 टन सोने की खरीद की गई। तीसरी तिमाही के दौरान सोने की खरीदारी का यह दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले तीसरी तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा खरीदारी केंद्रीय बैंकों की तरफ से पिछले कैलेंडर ईयर (2022) के दौरान की गई थी। पिछले कैलेंडर ईयर की समान तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 459 टन नेट सोने की खरीद की गई थी। यदि साल के कुल 9 महीनों की बात करें तो इस दौरान केंद्रीय बैंकों की खरीद बढ़कर 800 टन तक जा पहुंची है।
यदि भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में आगे कमजोर होता है तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में तेजी अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले ज्यादा रह सकती है क्योंकि भारतीय रुपये में कमजोरी से सोना आयात करना और महंगा हो जाता है।