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Family Offices: भारतीय फैमिली ऑफिस पैसे कैसे करते हैं निवेश? जानिए उनकी संपत्ति आवंटन की रणनीति

भारतीय फैमिली ऑफिस के निवेश में बदलाव: AIF और सोने में बढ़ोतरी, फिक्स्ड इनकम में कमी

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सुनयना चड्ढा   
Last Updated- August 29, 2024 | 5:05 PM IST

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय फैमिली ऑफिसों के बीच वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIFs) की लोकप्रियता बढ़ रही है। ये फंड्स उन्हें निजी बाजारों और स्टार्टअप्स में निवेश करने का मौका देते हैं। यह रिपोर्ट सुंदरम अल्टरनेटिव्स ने जारी की है, जो उच्च संपत्ति वाले लोगों (HNIs) के लिए निवेश सेवाएं जैसे पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) और वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIF) जैसी सर्विसेज ऑफर करता है।

वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIFs) ऐसे निवेश साधन हैं जो निवेशकों से पूंजी जुटाकर उन परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं जो पारंपरिक रूप से शेयर या बांड जैसे सिक्योरिटीज नहीं मानी जातीं, जैसे कि रियल एस्टेट, प्राइवेट इक्विटी, वेंचर कैपिटल, हेज फंड्स, और कमोडिटीज। ये पारंपरिक शेयर या बांड से अलग होते हैं और निवेशकों को अपने निवेश को विविध बनाने का मौका देते हैं।

वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIFs) एक ऐसा पोर्टफोलियो देते हैं जो सिंगल निवेश से बेहतर होता है और जोखिम को कम करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, AIF मैनेजर्स अपनी विशेषज्ञता से अलग-अलग निवेश अवसरों को चुनते हैं, जिससे यह तरीका लोकप्रिय हो रहा है। कई फैमिली ऑफिस मौजूदा फंड्स के साथ मिलकर ऐसे निवेश कर रहे हैं, जिनमें उन्हें पूरा विश्वास है और जिनमें कम ऑपरेशनल समस्याएं आती हैं।

दुनिया भर में फैमिली ऑफिस सबसे ज्यादा पैसा वैकल्पिक निवेशों में लगाते हैं, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल में जाता है। भारतीय फैमिली ऑफिस अभी भी ज्यादातर पैसा म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं, और उनका पोर्टफोलियो मुख्य रूप से इन्हीं परिसंपत्तियों पर केंद्रित है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फैमिली ऑफिस तेजी से वैकल्पिक निवेशों को अपना रहे हैं, और अगले तीन सालों में इन निवेशों में 5% की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे कुल आवंटन 18% तक पहुंच सकता है। यह वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है, जहां फैमिली ऑफिस अपने 50% से अधिक संसाधनों को वैकल्पिक निवेशों में लगाते हैं।

सुंदरम अल्टरनेटिव्स ने कहा, “यह बदलाव रणनीतिक दृष्टिकोण से विविधीकरण, विशेष निवेश रणनीतियों और भारत की विकास कहानी में सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है, खासकर स्टार्टअप्स और नवाचारों के माध्यम से।”

भारतीय फैमिली ऑफिस का लक्ष्य मुख्य रूप से AIFs में अपने निवेश को बढ़ाना है, जबकि फिक्स्ड इनकम और रियल एस्टेट में आवंटन को कम करना है।

सुंदरम अल्टरनेट्स द्वारा जारी रिपोर्ट “From Legacy to Leadership” में बताया गया है कि अगले तीन वर्षों में भारत में मिड से लेकर बड़े फैमिली ऑफिस के अधीन प्रबंधन वाले संपत्तियों (AUM) में 14% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) की उम्मीद है, जिससे इन संपत्तियों का मूल्य 1.5 गुना बढ़ सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फैमिली ऑफिस तेजी से वैकल्पिक निवेशों को अपना रहे हैं, और अगले तीन सालों में इन निवेशों में 5% की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे कुल आवंटन 18% तक पहुंच सकता है। यह एक ग्लोबल ट्रेंड के साथ मेल खाता है, जहां फैमिली ऑफिस अपने 50% से ज्यादा निवेश वैकल्पिक निवेशों में करते हैं।

सुंदरम अल्टरनेटिव्स का कहना है, “यह बदलाव विविधीकरण, खास निवेश रणनीतियों, और भारत की विकास यात्रा में भागीदारी का संकेत है, खासकर स्टार्टअप्स और नए आइडियाज के जरिए।”

भारतीय फैमिली ऑफिस AIFs में अपने निवेश को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, जबकि फिक्स्ड इनकम और रियल एस्टेट में निवेश को कम करना चाहते हैं।

सुंदरम अल्टरनेट्स की रिपोर्ट “From Legacy to Leadership” में बताया गया है कि अगले तीन सालों में भारत के मिड से बड़े फैमिली ऑफिस के मैनेजमेंट में आने वाली संपत्तियां (AUM) 14% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेंगी, जिससे इनका मूल्य 1.5 गुना तक बढ़ सकता है।

बदलते निवेश विकल्प: फिक्स्ड में निवेश इनकम घटेगा, जबकि वैकल्पिक निवेश और सोने में बढ़ोतरी होगी

रिपोर्ट के अनुसार, अगले तीन सालों में फैमिली ऑफिस के निवेश में बदलाव देखने को मिलेगा। म्यूचुअल फंड्स, PMS, AIFs, और सोने में निवेश थोड़ा बढ़ेगा, जबकि फिक्स्ड इनकम और रियल एस्टेट में कमी हो सकती है। स्टार्टअप्स में निवेश अभी स्थिर रहेगा, क्योंकि फैमिली ऑफिस इस क्षेत्र में नए मौके ढूंढते रहेंगे।

First Published : August 29, 2024 | 4:47 PM IST