जवान पीढ़ी के लिए क्रेडिट कार्ड सबसे आसान और सबसे जल्दी कर्ज पाने का जरिया बन गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि मई 2024 में देश में कुल 10.33 करोड़ क्रेडिट कार्ड चल रहे थे, जो मई 2023 के 8.74 करोड़ कार्ड की तुलना में लगभग 18 फीसदी ज्यादा है। इस साल मई में क्रेडिट कार्ड से 1.65 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो एक साल पहले के मुकाबले करीब 17 फीसदी ज्यादा रहे।
क्रेडिट कार्ड कर्ज पाने या खरीदारी करने का आसान तरीका तो है मगर इसका लापरवाही से इस्तेमाल आपको कर्ज के जाल में फंसा भी सकता है। बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी समझाते हैं, ‘क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत जिम्मेदारी के साथ करना होता है। इस पर ब्याज दर बहुत ज्यादा होती है, समय से बकाया नहीं चुकाने पर तगड़ा शुल्क लगता है, जिसकी वजह से क्रेडिट कार्ड का बिल बढ़ता जाता है और आप कर्ज के भंवर में फंस जाते हैं।’
क्रेडिट कार्ड लिया गया उधार बहुत महंगा पड़ता है। टेक्नोफिनो के संस्थापक सुमंता मंडल की सलाह है, ‘वही पैसा खर्च करें, जो आपके पास है। अगर आप क्रेडिट कार्ड का बकाया समय पर नहीं चुकाते हैं तो आपके ऊपर लगने वाले ब्याज की दर 40 फीसदी या उससे भी ऊपर हो सकती है। कर्ज के जो भी साधन हैं, उनमें सबसे ज्यादा ब्याज दर क्रेडिट कार्ड पर ही होती है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ऐसे करें, जैसे वह डेबिट कार्ड हो।’
कर्ज के जाल में फंसने से बचना है तो खर्च पर नियंत्रण रखें। मंडल का कहना है, ‘खर्च पर काबू न हो तो क्रेडिट कार्ड के कर्ज में फंस जाते हैं। लोगों को लगता है कि उनके पास पैसा है और वे क्रेडिट कार्ड से खर्च शुरू कर देते हैं। मगर जब चुकाने का समय आता है तो महसूस होता है कि पैसा तो है ही नहीं।’
कर्ज के भंवर से बचने के लिए पहले से मौजूद कर्ज को बिल्कुल न बढ़ाएं। शेट्टी सुझाते हैं, ‘जब तक बकाया निपट न जाए तब तक कार्ड से नई खरीदारी मत कीजिए। गर आपके पास कई कार्ड हैं तो जिस पर सबसे ज्यादा ब्याज लग रहा हो, उसका बकाया पहले चुका दीजिए।’
कार्ड के बिल में हमेशा मिनिमम अमाउंड ड्यू लिखा होता है यानी कम से कम उतनी रकम तो आपको चुकानी ही पड़ेगी। अगर आप उतनी ही रकम चुकाने के आदी हैं तो अपनी आदत सुधार लीजिए। पूरा बिल चुकाएं वरना न्यूनतम रकम चुकाने के बाद बची रकम पर ब्याज लगता रहेगा और आपका कर्ज बढ़ जाएगा।
एथेना क्रेडएक्सपर्ट के संस्थापक सतीश मेहता कहते हैं, ‘हर महीने न्यूनतम बकाया चुकाने पर अच्छा लग सकता है मगर यह आपके लिए महंगा पड़ सकता है। इसमें से ज्यादातर रकम तो ब्याज आदि की होती है। वास्तव में न्यूनतम बकाया चुकाने पर आपके मूल बकाये में बहुत मामूली कमी आ रही होगी। आपको कुल मिलाकर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ेगा।’
अगर बकाया चुकाना आपके लिए भारी पड़ रहा है तो अपने क्रेडिट कार्डों का इस्तेमाल एकदम बंद कर दीजिए। मेहता कहते हैं, ‘कोई भी नया कर्ज लेने से बाज आइए। आपका मकसद कर्ज के जाल से बाहर आना है, इसलिए और भी कर्ज अपने ऊपर चढ़ा लेना बहुत नुकसानदेह होगा।’
पर्सनल लोन भी महंगे होते हैं मगर 10.5 फीसदी से 20.6 फीसदी ब्याज दर के साथ वे क्रेडिट कार्ड बकाया के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं। मंडल की सलाह है कि कार्ड का बकाया चुकाने के लिए पर्सनल लोन ले लीजिए। आप चाहें तो परिजनों से उधार लेकर भी बकाया चुका सकते हैं।
एक कार्ड का बकाया दूसरे के जरिये चुकाने पर भी विचार किया जा सकता है। शेट्टी समझाते हैं, ‘अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर बहुत ज्यादा है तो बैलेंस ट्रांसफर के जरिये अपना बकाया कम ब्याज दर वाले कार्ड पर ले आइए। बकाया को आप ऐसी ईएमआई में भी बदलवा सकते हैं, जिन्हें आप आसानी से चुका पाएं। लेकिन इस पर प्रोसेसिंग फीस लगेगी। आप चाहें तो कार्ड जारी करने वाली कंपनी से फीस कम करने के लिए बातचीत भी कर सकते हैं।’
अगर क्रेडिट कार्ड पर बकाया बहुत ज्यादा है तो सोना या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) गिरवी रखकर कर्ज ले लीजिए। यह पर्सनल लोन से बहुत सस्ता पड़ता है। इन पर कर्ज लीजिए और बकाया चुका दीजिए।
समय पर क्रेडिट कार्ड बकाया नहीं चुकाया जाए तो क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। मेहता कहते हैं, ‘बकाया नहीं चुका पाए तो डिफॉल्ट की वजह से स्कोर कम हो जाएगा। इससे आपको नया कर्ज लेने में दिक्कत आएगी क्योंकि कर्ज देने वाली संस्था आपको जोखिम भरा ग्राहक मानेगी।’