प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश की सबसे अमीर मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 10 साल बाद संपत्ति कर की दरों में बढ़ोत्तरी की है। संपत्ति कर में बढ़ोत्तरी की वजह रेडी रेकनर दरों में हुई बढ़ोत्तरी को बताया जा रहा है जिसकी वजह से मुंबई संपत्ति कर में औसतन 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। बीएमसी प्रशासन के इस फैसले से मुंबई के 9 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी मालिक प्रभावित होगे। संपत्ति कर में हुई भारी बढ़ोत्तरी विपक्षी दलों के साथ आम लोग विरोध कर रहे हैं।
बीएमसी प्रशासन का कहना है कि मार्च 2025 में रेडी रेकनर दरों में औसतन 3.88 फीसदी की बढ़ोतरी हुई । रेडी रेकनर दरों के आधार पर संपत्ति कर (प्रॉपर्टी टैक्स) का निर्धारण होता है। बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी कह रहे हैं कि मुंबई की मौजूदा प्रॉपर्टी टैक्स में कोई संशोधन या बदलाव नहीं किया गया है। मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स सीधे आरआरआर से जुड़ा हुआ है। रेडी रेकनर रेट में बढ़ोतरी को बढ़ाने के सरकार के फैसले ने मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स पर असर डाला है। इसलिए मुंबई में 8-20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नई दरें वित्त वर्ष 2025-26 के बिलों में दिखाई देंगी । उनका कहना है कि बीएमसी ने 500 वर्ग फुट से छोटे घरों को इस बढ़ोतरी से पूरी तरह छूट दी है, जिससे करीब 3.6 लाख लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा ।
लोगों का कहना है कि मुंबई के कई इलाकों में प्रॉपर्टी टैक्स में 40 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हुई है जो असहनीय है। विपक्षी दल इस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस इस मामले को अदालत में चुनौती देने की बात कर रही है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुरानी टैक्स निर्धारण प्रणाली को जारी रखा है । नई प्रणाली लागू होती तो टैक्स दरें 40 फीसदी तक कम हो सकती थीं । कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे अनुचित और अवैध करार देते हुए उपमुख्यमंत्री एवं मुंबई के पालक मंत्री एकनाथ शिंदे से हस्तक्षेप की मांग की है।
पिछली बार प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी 2015-16 में की गई थी। बीएमसी के नियमों के मुताबिक, हर पांच साल में टैक्स दरों की समीक्षा की जानी चाहिए। हालांकि 2020 में कोविड-19 महामारी और उसके बाद की राजनीतिक कारणों से बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी। प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोत्तरी के साथ इस साल बीएमसी ने बजट में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज नाम से एक नया सेस पेश किया है, जो कि 2026-27 से लागू हो सकता है। बीएमसी इस साल 5,200 करोड़ रुपये राजस्व प्रॉपर्टी टैक्स से जुटाने का लक्ष्य रखा है । टैक्स भुगतान की अंतिम तारीख 30 जून 2025 रखी गई है। समय पर भुगतान करने पर छूट मिलेगी,जबकि विलंब पर जुर्माना लगाया जाएगा।