क्रेडिट कार्ड से जुड़े एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। RBI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2020 में ₹2,404 करोड़ रहे क्रेडिट कार्ड एनपीए जून 2024 तक 136% बढ़कर ₹5,679 करोड़ हो गए। सिर्फ मार्च 2023 से जून 2024 के बीच इसमें 39.46% का इजाफा हुआ।
कर्ज का बढ़ता बोझ न सिर्फ आर्थिक तनाव बढ़ा रहा है, बल्कि कई बार लोगों की जान पर भी भारी पड़ रहा है। कई मामलों में, ज्यादा कर्ज और इसे चुकाने में असमर्थता ने लोगों को गंभीर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।
लेकिन चिंता न करें, कर्ज से बाहर निकलने के तरीके मौजूद हैं। थोड़ी समझदारी और सही प्लानिंग से आप न केवल कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से मजबूत भी बन सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे आसान और व्यावहारिक उपाय जो आपकी मदद कर सकते हैं। विशेषज्ञों की राय भी इसमें आपकी मदद करेगी।
यह तरीका उन लोगों के लिए है, जो तगड़ी प्लानिंग के साथ चलना पसंद करते हैं। अपने सभी कर्ज को ब्याज दर के हिसाब से रैंक करें – सबसे ऊंची ब्याज दर वाले कर्ज को पहले चुकाएं। बाकी कर्ज की न्यूनतम किश्त चुकाते रहें ताकि डिफॉल्ट न हो।
फायदा: इससे कुल ब्याज घटता है और आपका क्रेडिट स्कोर भी सही रहता है।
विशेषज्ञ की सलाह: एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के सदस्य जिगर पटेल कहते हैं, “जब आप ऊंची ब्याज दर वाले कर्ज को पहले चुकाते हैं, तो आपका कुल ब्याज हर भुगतान के साथ कम होता है। साथ ही, न्यूनतम भुगतान करते रहने से क्रेडिट स्कोर भी सुरक्षित रहता है।”
अगर आपको छोटे-छोटे जीतने पसंद हैं, तो यह तरीका आपके लिए है। सबसे छोटे कर्ज को पहले चुकाएं, फिर अगले पर ध्यान दें। हर छोटे कर्ज को खत्म करना आपको आत्मविश्वास से भर देगा।
सावधान: यह तरीका थोड़ा महंगा पड़ सकता है क्योंकि ब्याज दर का ध्यान नहीं रखा जाता। लेकिन मोटिवेशन के लिए शानदार है!
विशेषज्ञ की राय: पटेल कहते हैं, “कर्ज केवल गणितीय समस्या नहीं है, यह एक मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक मुद्दा भी है। छोटे कर्ज को पहले चुकाने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे कर्ज चुकाने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।”
अगर क्रेडिट कार्ड का कर्ज सिर चढ़ रहा है, तो इसे कम ब्याज दर वाले कार्ड पर ट्रांसफर कर दें। इससे आपको थोड़ा समय मिल जाएगा और आप अपनी मुख्य रकम को आराम से चुका सकेंगे।
उदाहरण: कुछ कार्ड शुरुआती 6 महीनों के लिए सिर्फ 0.99% ब्याज दर ऑफर करते हैं।
विशेषज्ञ की सलाह: Hum Fauji Initiatives के सीईओ कर्नल संजीव गोविला (रिटायर्ड) कहते हैं, “बैलेंस ट्रांसफर से आप अपने महंगे कर्ज को कम ब्याज वाले कार्ड पर शिफ्ट कर सकते हैं। इससे आपको मूलधन चुकाने का समय और सुविधा मिलती है।”
कई कर्जों को एक नए लोन के जरिए समेट लें। इससे आपको कम ब्याज दर और आसान ईएमआई का फायदा मिल सकता है।
फायदा: हर महीने कई किश्तों के झंझट से छुटकारा और बेहतर ट्रैकिंग।
विशेषज्ञ की सलाह: BankBazaar के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, “कंसॉलिडेशन के जरिए आप अपने सभी कर्ज को एक जगह लाकर कम ब्याज दर पर चुकाने का विकल्प पा सकते हैं। इससे आपका मासिक बजट भी बेहतर तरीके से संभलता है।”
अगर आप ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं, तो वसूली एजेंट से डरने की जरूरत नहीं। RBI के नियमों के अनुसार, एजेंट आपको धमकी नहीं दे सकते, न ही बिना अनुमति आपके घर या ऑफिस आ सकते हैं। परेशान करने पर आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं। आपके पास कर्ज पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चरिंग) और सही तरीके से सुनवाई का पूरा हक है।
विशेषज्ञ की राय: वेस्टा लीगल की पार्टनर अपूर्वा भडांग कहती हैं, “अगर वसूली एजेंट आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो कर्जदार शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कर्जदारों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।”