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अगले 6 महीने में बुक कर लें FD, मगर कौन सी! शानदार रिटर्न पाने के लिए एक्सपर्ट्स ने बताई स्ट्रेटेजी

रेगुलर FD में जमा की अवधि के लिए ब्याज दर तय होती है, जबकि फ्लोटिंग FD के लिए ब्याज दर तय नहीं होती है और इसके बजाय एक रिफरेंस रेट के आधार पर बदलती रहती है।

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सुनयना चड्ढा   
Last Updated- December 18, 2023 | 8:07 PM IST

अगर आप अपने पैसे का निवेश करना चाहते हैं और ज्यादा तवज्जो बैंक में इन्वेस्टमेंट को देते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। FD जहां आपकी नकदी सुरक्षित रहती है वहीं, यह आपकी बचत पर बेहतर औसत रिटर्न देने की एक अच्छी स्ट्रेटेजी साबित हो सकती है। FD में भी निवेश करने से पहले आपको यह देखना है कि क्या आप रेगुलर FD में निवेश कर रहे हैं या फ्लोटिंग FD में।

Repo Rate का दिखेगा FD पर असर

फ्लोटिंग रेट FD के लिए इन्वेस्टमेंट रिटर्न एक रिफरेंस रेट पर आधारित होता है, जैसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेपो दर या ट्रेजरी बिल यील्ड। फ्लोटिंग रेट FD रेगुलर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से अलग होती है। रेगुलर FD में जमा की अवधि के लिए ब्याज दर तय होती है, जबकि फ्लोटिंग FD के लिए ब्याज दर तय नहीं होती है और इसके बजाय एक रिफरेंस रेट के आधार पर बदलती रहती है और जमा की अवधि के दौरान नियमित रूप से रीसेट होती रहती है।

हालांकि, फ्लोटिंग FD पर इंट्रेस्ट रेट का भुगतान हर महीने के आखिरी दिन तीन महीने के लिए किया जाता है। RBI ने लगातार पांचवीं बार रीपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

इस बीच, क्वांटइको रिसर्च ने शुक्रवार के मौद्रिक नीति बयान में एक नोट में कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय बैंक अगस्त 2024 तक मौद्रिक नीति दर पर लंबे समय तक रोक बनाए रखेगा और उसके बाद महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करेगा।’

क्या यह उन रेगुलर FD को लॉक करने का अच्छा समय है या क्या किसी को फ्लोटिंग FD का विकल्प चुनना चाहिए?

जब ब्याज दरें बढ़ रही हों तो फ्लोटिंग FD सबसे अच्छा काम करती है। हालांकि, RBI ने पिछली पांच समीक्षा बैठकों से रीपो रेट में बढ़ोतरी नहीं की है और अगस्त 2024 तक ऐसा करने की उम्मीद नहीं है।

बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया, ‘बढ़ती दरों के दौरान फ्लोटिंग रेट FD में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, जो एक आकर्षक निवेश का मौका देता है। मगर यह ध्यान रखना जरूरी है कि फ्लोटिंग रेट FD के लिए इंट्रेस्ट रेट बेहतर है या नहीं। जब ब्याज दरें बढ़ रही हों, तो फ्लोटिंग रेट FD काफी आकर्षक दिखाई देते हैं, लेकिन जब ये घटने लगती हैं तो ये आकर्षण कम भी होने लगते हैं।

उन्होंने कहा, ‘आप ज्यादा से ज्यादा से तीन साल की अवधि के लिए फ्लोटिंग रेट FD चुनने पर विचार कर सकते हैं। इस अवधि के बाद, निवेशकों को संभावित ब्याज दर में कटौती के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, लॉन्ग टर्म FD की ऐसे समय तलाश करना समझदारी भरा फैसला हो सकता है क्योंकि, जब जब ब्याज दरें ज्यादा होती हैं तो इस तरह की FD पर ज्यादा ब्याज हासिल करने की संभावना ज्यादा रहती है।’

हाई इंट्रेस्ट रेट वाली FD को लॉक करें, लेकिन फ्लोटिंग FD को लेकर रहें क्लियर

विंट वेल्थ के को-फाउंडर और सीईओ अजिंक्य कुलकर्णी का कहना है, ‘पिछली 5 बैठकों में, मौद्रिक नीति समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) पर काबू पाने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हमें उम्मीद है कि 2024 की दूसरी तिमाही के बाद प्रमुख नीतिगत दरों में कमी आएगी। इस कटौती का FD रिटर्न पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’

कई FD में निवेश कर कमा सकते हैं अच्छा पैसा

कुलकर्णी ने कहा, इस कटौती से अलग-अलग बैंकों, स्मॉल फाइनैंस बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) के FD रिटर्न पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, FD बुक करने का सबसे अच्छा समय अब ​​से अगले 6 महीने तक है, क्योंकि आप अपने पैसे को हाई इंट्रेस्ट रेट पर लॉक कर सकते हैं। निवेशक विभिन्न प्रकार की FD भी खोल सकते हैं, जिनका मैच्योरिटी पीरियड एक-दूसरे से अलग हो। ऐसे में निवेशकों का पैसे बचाने का लक्ष्य भी पूरा हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘कई बैंक फ्लोटिंग-रेट FD को थोड़ी ज्यादा ब्याज दरों पर बेचने की कोशिश करते हैं। इन FD से बचना ही बेहतर है क्योंकि यील्ड बहुत कम होगी।

कुलकर्णी ने इसे एक उदाहरण के जरिये भी समझाया-

मान लीजिए कि दो निवेशकों को 1 लाख रुपये की तीन साल की FD बुक करने की जरूरत है। पहला निवेशक हर साल 8.5% फिक्स्ड इंट्रेस्ट रेट चुनता है, और दूसरा 8.8% फ्लोटिंग रेट लेता है। ये दोनों एफडी इंट्रेस्ट अमाउंट को रीइन्वेस्ट करते हैं। अब आगे मान लें कि फ्लोटिंग FD पर इंट्रेस्ट रेट एक तिमाही के बाद 8.5%, दूसरी तिमाही के बाद 8.3% और एक साल के बाद 8.2% कम हो जाती है। उसके बाद, दरें पूरे कार्यकाल के लिए स्थिर (stable) रहती हैं। मैच्योरिटी पर पहले निवेशक को 1,28,702 रुपये मिलेंगे, जबकि दूसरे को 1,27,916 रुपये मिलेंगे। बड़ी रकम के लिए अंतर बहुत ज्यादा होगा।

उस समय आदर्श FD स्ट्रेटेजी क्या है जब ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं?

FD में निवेश आपको नियमित रूप से नकदी प्रदान करते हुए आपकी बचत पर बेहतर औसत रिटर्न देने की एक स्ट्रेटेजी है। उदाहरण के लिए, आप एक साल, 2-साल, 3-साल और 5-साल के पीरियड के लिए FD खोल सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके निवेश का एक हिस्सा हर साल मैच्योर हो रहा है। जैसे-जैसे प्रत्येक FD मैच्योर होती है, आप चुन सकते हैं कि इसे रिन्यू करना है या अपनी रकम निकालनी है। अगर महंगाई दर कम है, तो आप मौजूदा ब्याज दरों पर मैच्योर होने वाली FD में रीइन्वेस्ट कर सकते हैं।

महंगाई दर से आंके FD रिटर्न

शेट्टी ने कहा, ‘अगर ब्याज दरें बढ़ी हैं, तो आप उच्च दरों से लाभ उठा सकते हैं। यह आपको लॉन्ग टर्म के लिए एक ही रेट में लॉक रहने वाली FD के मुकाबले बेहतर औसत रिटर्न प्राप्त करने का एक तरीका देती है। अगर आप 1 लाख रुपये की रकम जमाकर FD शुरू करते हैं जो 1 साल के टर्म के लिए 5% ब्याज दर देती है और 6% की महंगाई दर है, तो आपका रिटर्न बढ़ी हुई महंगाई दर के मुकाबले अपर्याप्त होगा। इसके विपरीत, ऐसी स्ट्रेटेजी बनाना जहां आप कई FD खोलें और इनमें से प्रत्येक पर समय के साथ 5%, 7% और आने वाले आगे के सालों के लिए 8% की ब्याज दरें बढ़ती जा रही हैं तो इससे आपको बेहतर रिटर्न भी मिल सकता है और महंगाई के मुकाबले आप आगे भी निकल सकते हैं।

First Published : December 18, 2023 | 8:00 PM IST