ऐतिहासिक तौर पर, मार्च को भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए उतार-चढ़ाव वाला महीना माना जाता रहा है। यह वित्त वर्ष के समापन वाला महीना है, जिसमें बड़े फंडों (घरेलू और विदेशी) द्वारा कुछ जरूरी पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन संबंधित कारोबार किया जाता है। छोटे निवेशक भी वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले अपने लाभ और नुकसान को लेकर बदलाव लाना पसंद करते हैं।
बाजार वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में कॉरपोरेट आय में संभावित वृद्धि की भी उम्मीद करते हैं और इस आधार पर नए वित्त वर्ष के लिए कंपनियां अनुमान पेश कर सकती हैं।
सात वित्त वर्षों यानी मार्च 2016 से मार्च 2022 के वर्षों के आखिरी महीने में निफ्टी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो पता चलता है कि एनएसई के बेंचमार्क इंडेक्स (निफ्टी वीआईएक्स) का औसत उतार-चढ़ाव 11.4 प्रतिशत पर रहा।
यदि हम मार्च 2020 के ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले परिवेश को अलग कर दें तो सूचकांक में उतार-चढ़ाव महामारी आधारित मंदी के बीच एक महीने में 40 प्रतिशत से ज्यादा के दायरे में रहा, जबकि औसत उतार-चढ़ाव 6.6 प्रतिशत पर बरकरार रहा।
ऊंचे उतार-चढ़ाव के बावजूद, निफ्टी पिछले सात में से पांच अवसरों पर तेजी के साथ बंद हुआ। यदि हम मार्च 2020 की 23 प्रतिशत की बड़ी कमजोरी को अलग कर दें तो अन्य 6 अवसरों पर औसत तेजी 3.9 प्रतिशत रही।
मार्च में अब तक निफ्टी इन आशंकाओं के बीच1.8 प्रतिशत गिरा है कि अमेरिकी बैंकिंग संकट से वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिए बड़ी समस्या पैदा हो सकती है, और वैश्विक केंद्रीय बैंकों को हालात पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
कई विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अमेरिका में बैंकिंग संकट को ध्यान में रखकर अपने दर वृद्धि संबंधित रुख में नरमी लाएगा।
राबोबैंक इंटरनैशनल में वरिष्ठ अमेरिकी रणनीतिकार फिलिप मरे का कहना है, ‘यदि अमेरिका फेड मुद्रास्फीति से लड़ने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संकेत नहीं देता है तो दीर्घावधि मुद्रास्फीति संबंधित अनुमान अपरिवर्तित रह सकते हैं, जिससे पारिश्रमिक-कीमत की राह में बदलाव आ सकता है। हमारा मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र में अनिश्चितताओं के बावजूद, 22 मार्च को 25 आधार अंक की दर वृद्धि की जा सकती है।’
आगामी राह
क्या बाजार महीना समाप्त होने से पहले खोया हुआ आधार लौटाने में सफल रहेंगे? इस बारे में ज्यादातर विश्लेषकों का कहना है कि ताजा घटनाक्रम के बीच हालात बैंक ऑफ इंग्लैंड और फेड की मौद्रिक नीति पर निर्भर करेंगे। उन्हें महीने के आखिरी हिस्से में सकारात्मक घटनाक्रम की उम्मीद है और इससे बाजारों में तेजी को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि वे बाजार में तेजी को लेकर सतर्क हैं।
ऐंजल वन में टेक्नीकल एवं डेरिवेटिव रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक ओशो कृष्ण का कहना है, ‘हम चिंताओं से अभी पूरी तरह मुक्त नहीं हुए हैं। बाजार की राह आशंकित बनी हुई है। हालांकि हमें कुछ अल्पावधि तेजी का अनुमान है। निफ्टी के लिए 17,200-17,250 के बीच प्रतिरोध मिलेगा।’