अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली वेदांत रिसोर्सेस की तरफ से इस कंपनी को प्राइवेट बनाने का काम अगले हफ्ते शुरू होगा। गैर-सूचीबद्धता के लिए कीमत तय करने वाली तथाकथित रिवर्स बुक बिल्डिंग की प्रक्रिया 5 अक्टूबर को शुरू होगी और 9 अक्टूबर को बंद होगी।
वेदांत में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी अभी 50.14 फीसदी है। सेबी के गैर-सूचीबद्धता नियम के तहत प्रवर्तकों को कम से कम 39.86 फीसदी हिस्सेदारी (1.48 अरब शेयर) आम शेयरधारकों से खरीदनी होगी और तभी गैर-सूचीबद्धता की यह कवायद कामयाब हो पाएगी। वेदांत के आखिरी बंद भाव 139 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से करीब 20,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इस तरह से यह देसी बाजार में सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्धता कवायदोंं में से एक होगी।
वेदांत रिसोर्सेस ने गैर-सूचीबद्धता के लिए फ्लोर प्राइस 87.25 रुपये तय की है। हालांकि बाजार के प्रतिभागियों को उम्मीद है कि गैर-सूचीबद्धता कीमत 160 से 170 रुपये प्रति शेयर के दायरे में होगी। यह प्रवर्तक समूह और कंपनी के अग्रणी संस्थागत शेयरधारकों के बीच हुई बातचीत पर आधारित है।
जून 2020 की तिमाही के आखिर में वेदांत के अग्रणी संस्थागत शेयरधारक थे – भारतीय जीवन बीमा निगम (6.37 फीसदी हिस्सेदारी), आईसीआईसीआई म्युचुअल फंड (4.81 फीसदी) और एचडीएफसी म्युचुअल फंड (3 फीसदी)। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास वेदांत की करीब 18 फीसदी हिस्सेदारी है।
एक सूत्र ने कहा, गैर-सूचीबद्धता कीमत के बारे में जानकारी देने के लिए कंपनी ने अग्रणी शेयरधारकोंं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। बातचीत के आधार पर एलआईसी को छोड़कर ज्यादातर शेयरधारक करीब 170 रुपये के आसपास अपने शेयर बेचने पर सहमत हो गए हैं।
रिवर्स बुक बिल्डिंग के तहत गैर-सूचीबद्धता कीमत अधिकतम कीमत होती है जिस पर कंपनी को 90 फीसदी शेयरधारिता के पार निकलने के लिए पर्याप्त बोली मिल जाती है। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि गैर-सूचीबद्धता की किस्मत एलआईसी, बड़े एफपीआई और म्युचुअल फंड जैसे बड़े शेयरधारक तय कर सकते हैं।
अगर डिस्कवर की गई कीमत वेदांत रिसोर्सेस को स्वीकार होती है तो गैर-सूचीबद्धता कामयाब रहेगी। अगर कीमत काफी ज्यादा हो तो प्रवर्तकों के पास कीमत को खारिज करने और जवाबी पेशकश का विकल्प होता है। कामयाब गैर-सूचीबद्धता के लिए जवाबी पेशकश आम शेयरधारकों को स्वीकार्य होना चाहिए।
इस महीने प्राइवेट इक्विटी को छोड़कर बाकी शेयरधारकों ने हेक्सावेयर टेक्नोलॉजिज के लिए रिवर्स बुक बिल्डिंग के जरिए तय गैर-सूचीबद्धता कीमत स्वीकार कर ली, हालांकि यह कीमत प्रवर्तकों की सांकेतिक कीमत के मुकाबले 66 फीसदी ज्यादा है।
वेदांत रिसोर्सेस ने पुनर्खरीद के वित्त पोषण के ळिए करीब 3.15 अरब डॉलर (23,000 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इसमें से करीब 1.75 अरब डॉलर तीन महीने के सावधि कर्ज के जरिए बैंक से जुटाए गए हैं।
इस फंड के आधार पर वेदांत रिसोर्सेस आम शेयरधारकों की 49.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीद महज 125 रुपये पर कर पाएगी। अगर न्यूनतम 90 फीसदी सीमा पर पहुंचने के लिए इस फंड का इस्तेमाल होता है तो प्रवर्तक करीब 155 रुपये प्रति शेयर का भुगतान कर सकते हैं।