भारत में कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन का एक उल्लेखनीय आर्थिक प्रभाव पड़ा है लेकिन वेंचर कैपिटल (वीसी) निवेश में लगातार तेजी दर्ज की गई और इस दौरान कई बड़े सौदे हुए। साल 2020 के दौरान भारत में वीसी निवेश करीब 10 अरब डॉलर का रहा जो 2019 को छोड़कर अन्य सभी पिछले वर्षों में सर्वाधिक है। इंडिया वेंचर कैपिटल रिपोर्ट 2021 में यह खुलासा किया गया है।
भारतीय निजी इक्विटी एवं वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) और बेन ऐंड कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 के दौरान उपभोक्ता प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस (एसएएएस) में लगातार रफ्तार दर्ज की गई। इसके अलावा रकम जुटाने की गतिविधियों में भी उल्लेखनीय तेजी देखी गई। साल के दौरान भारत केंद्रित फंडों द्वारा 3 अरब डॉलर जुटाए गए जो 2019 के मुकाबले 40 फीसदी अधिक है। इसमें सिकोया, एलिवेशन पार्टनर्स, फाल्कॉन एज और लाइटस्टीप जैसे प्रमुख फंड शामिल रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन फंड हाउसों ने 2020 में वैश्विक महामारी के बावजूद भारत में निवेश किए।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जहां तक निवेश हासिल करने वाले प्रमुख क्षेत्रों का सवाल है तो उपभोक्ता प्रौद्योगिकी, एसएएएस और फिनटेक अग्रणी रहे जिनका 2020 में हुए कल वीसी निवेश में 75 फीसदी हिस्सेदारी रही। जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 65 फीसदी रहा था। कुल 22 वीसी सौदों में से 14 सौदों का आकार 10 करोड़ डॉलर से अधिक रहा।’
साल के दौरान स्टार्टअप और यूनिकॉर्न की संख्या में भी वृद्धि हुई। साल 2020 के दौरान करीब 7,000 नए स्टार्टअप स्थापित किए गए और शुरुआती स्तर के सौदों में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। साल के दौरान 12 नए यूनिकॉर्न उभरकर सामने आए जबकि 2019 में यह आंकड़ा 8 था। भारत में अब यूनिकॉर्न की कुल संख्या बढ़कर 37 हो गई है।
साल 2020 में सौदों का औसत आकार पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 15 फीसदी कम हो गया। इससे स्पष्ट है कि छोटे सौदों की संख्या अधिक रही। साल के दौरान 50 लाख डॉलर से कम आकार के करीब 500 सौदे हुए जबकि 2019 में यह आंकड़ा 390 रहा था। इसके अलावा 2020 में शुरुआती स्तर के सौदों में भी बढ़ोतरी हुई।