Pharma Stocks Today: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद भारतीय फार्मास्यूटिकल शेयरों में शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को तेज गिरावट देखी गई। ट्रंप ने कहा कि 1 अक्टूबर, 2025 से किसी भी ब्रांडेड या पेटेंट वाली दवा के आयात पर 100% शुल्क लगेगा, जब तक कि कंपनी अमेरिका में अपनी दवा निर्माण फैक्ट्री न बना रही हो।
इस खबर के बाद निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.42% गिरकर 21,445.50 तक आ गया। कंपनियों में Sun Pharma 4.87% गिरकर ₹1,548 के 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गई, जबकि Gland Pharma 4.70% गिरकर ₹1,880 और Biocon 3.68% गिरकर ₹342.85 पर बंद हुई। अन्य फार्मा शेयर जैसे Laurus Labs, Ipca Labs, Divis, Zydus Life, Alkem Labs, Cipla, Ajanta Pharma, Dr. Reddy’s, Torrent Pharma, Abbott India, Glenmark भी 0.8% से 3.2% तक गिरे।
कई भारतीय दवा कंपनियों जैसे Dr. Reddy’s, Cipla, Lupin, Zydus Life, Aurobindo Pharma, Biocon और Glenmark Pharma अपनी आय का बड़ा हिस्सा अमेरिका से कमाती हैं। इसलिए निवेशकों की नजर इन कंपनियों पर खास है।
WealthMills Securities के डायरेक्टर क्रांति बाथिनी के अनुसार, यह कदम फिलहाल और अगले कुछ समय में फार्मा शेयरों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन को यह साफ करना होगा कि जरूरी और गैर-जरूरी दवाओं पर अलग नियम लागू होंगे या नहीं।
उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मा कंपनियां US FDA की मंजूरी और अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुसार काम करती हैं, इसलिए अमेरिका में सप्लाई चेन बदलना आसान नहीं होगा। इस समय निवेशकों के लिए धैर्य रखना और प्रशासन की नई जानकारी का इंतजार करना सही रहेगा।
अमेरिका भारत के दवा निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है, जो कुल निर्यात का लगभग एक तिहाई हिस्सा बनाता है। ये निर्यात मुख्य रूप से सस्ती जेनेरिक दवाओं का होता है। वित्तीय वर्ष 2025 में भारत की अमेरिका में दवा बिक्री लगभग 10.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
Zydus Life की 49% आय अमेरिका से।
Dr. Reddy’s की लगभग 47% आय अमेरिका से।
Aurobindo Pharma की 44% से अधिक आय अमेरिका से।
Equinomics Research के जी चोकलिंगम का मानना है कि इतना ऊंचा टैरिफ शायद लंबे समय तक लागू नहीं रहेगा, क्योंकि इससे अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च बढ़ जाएगा। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे उन फार्मा कंपनियों पर ध्यान दें जिनकी घरेलू बाजार में मजबूत पकड़ है। निर्यातक कंपनियों में जिनका अमेरिका पर कम निर्भरता है, उन्हें प्राथमिकता दें।
CRISIL की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का फार्मा सेक्टर इस साल 7-9% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछले साल के लगभग 10% से थोड़ा कम है। कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन लगभग 22-23% रहने की संभावना है। अमेरिकी बाजार की निर्यात मांग में कमी के कारण वृद्धि की दर थोड़ी धीमी होगी, हालांकि फार्मूलेशन निर्यात 9-11% तक बढ़ने की उम्मीद है।