बर्नस्टीन के मैनेजिंग डायरेक्टर और रिसर्च हेड वेणुगोपाल गर्रे ने हाल ही में एक रिपोर्ट में लिखा है कि दुनिया में जो तनाव चल रहे हैं, उनका भारत पर ज्यादा लंबे समय तक असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि ब्रोकरेज ने हाल ही में मिडकैप शेयरों को लेकर अपना नजरिया बेहतर किया है और अब स्मॉलकैप और मिडकैप (SMID) यूनिवर्स से 10 ऐसे स्टॉक्स की पहचान की है जो मौजूदा चुनौतियों के बावजूद लंबी अवधि के लिए शानदार खरीदारी के मौके हैं।
गर्रे के मुताबिक, “हमारे ये 10 चुने गए स्टॉक्स कोई सुपरहीरो नहीं हैं, लेकिन ये आम दिखने वाली कंपनियां लंबी रेस के घोड़े बन सकती हैं। मई के महीने में जब मिडकैप स्पेस थोड़ा दबाव में था, तब भी इन स्टॉक्स की FY26 की अर्निंग्स करीब 2.5% ऊपर रिवाइज हुईं। यानी इनका ग्रोथ आउटलुक मजबूत दिख रहा है, जबकि बाकी में गिरावट का ट्रेंड रहा।”
Bernstein का कहना है कि इन स्टॉक्स में तेजी की शुरुआत पहले ही हो चुकी है। मिड-अप्रैल तक ये 10 स्टॉक्स औसतन 20% नीचे थे और इनमें से 9 स्टॉक्स की ग्रोथ निगेटिव थी। लेकिन इसके बाद से इनका औसत शेयर प्राइस करीब 28% बढ़ चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन 10 में से 7 स्टॉक्स अब भी पूरे साल के हिसाब से यानी YTD निगेटिव हैं, इसलिए आने वाले समय में इनमें और तेजी आ सकती है। ब्रोकरेज ने जब इन स्टॉक्स पर रिवर्स DCF एनालिसिस किया, तो पाया कि इनमें 13% से 17% तक की ग्रोथ पहले से ही मानी जा रही है। इसका मतलब है कि ये स्टॉक्स मिडकैप स्पेस में अभी भी वाजिब वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं।
डील्स की रफ्तार बहुत तेज है, जो पिछले साल के मुकाबले 175% ज्यादा है। इसी वजह से FY26 में कंपनी की ग्रोथ काफी मजबूत रह सकती है। अगले 12 महीनों के लिए कंपनी की कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू भी 48% बढ़ी है, जो दिखाता है कि इसके पास अच्छे ऑर्डर्स हैं और बिज़नेस तेजी से बढ़ रहा है।
बड़े आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद KPIT ने अच्छा प्रदर्शन किया है और FY26 में बिना किसी डबल डिजिट ग्रोथ गाइडेंस के भी बेहतर नतीजे दे सकता है। खास बात ये है कि तिमाही दर तिमाही (QoQ) इसकी नई डील्स में 19% की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें मर्सिडीज के साथ किया गया 100 मिलियन डॉलर का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट भी शामिल है।
कंपनी का मैनेजमेंट तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद काफी भरोसे में है। उनका लक्ष्य है कि FY25 से FY27 के बीच हर साल औसतन 20% और FY27 से FY31 के बीच हर साल 26% की ग्रोथ हासिल की जाए। कंपनी के पास मजबूत डील पाइपलाइन है और इसके क्लाइंट्स कई अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े हुए हैं।
ई-कॉमर्स कंपनियों के अपने पार्सल खुद डिलीवर करने का असर अब कम होता दिख रहा है। इससे इस साल Meesho जैसी कंपनियों से डिलिवरी का काम बढ़ सकता है। Ecom Express को खरीदने से डेल्हीवरी के पार्सल 15% तक बढ़ सकते हैं, भले ही उसके पास बाजार का 30% हिस्सा ही क्यों न हो।
Renew फिलहाल अमेरिका के NASDAQ स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड एक पब्लिक कंपनी है। लेकिन इसके कुछ बड़े निवेशकों ने इसे दोबारा प्राइवेट करने का प्लान बनाया है। हाल ही में कंपनी ने फंडिंग भी जुटाई है, जिससे इस डील को लेकर भरोसा और बढ़ गया है। कंपनी का शेयर प्राइस दूसरी रिन्यूएबल और सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के मुकाबले अभी सस्ता है। साथ ही, इसके पास प्रोजेक्ट्स की अच्छी-खासी पाइपलाइन है। इसलिए ये फोकस में है।
Paytm के अगले तिमाही में प्रॉफिट में आने की पूरी उम्मीद है। इसके पीछे वजह है कि अब रेगुलेटरी दबाव कम हो रहा है, मर्चेंट लोनिंग दोबारा शुरू हो गई है और पेमेंट वॉल्यूम भी स्थिर हो गया है। अगर BNPL सर्विस दोबारा शुरू होती है या पेमेंट्स बैंक पर लगी पाबंदियां हटती हैं, तो कंपनी के मुनाफे में और तेजी आ सकती है।
Axis-Max का रीब्रांडिंग होने के बाद कंपनी में ग्रोथ और मुनाफे में सुधार की उम्मीद है। कंपनी लगातार अपना मार्केट शेयर बढ़ा रही है, जिससे उसकी वैल्यूएशन दूसरी कंपनियों के बराबर पहुंच सकती है। बैंक चैनल से होने वाली बिक्री को लेकर जो रेगुलेटरी चिंता थी, वो भी अब धीरे-धीरे खत्म होती दिख रही है, जिससे आगे की ग्रोथ को लेकर भरोसा बढ़ रहा है।
HDFC AMC में लगातार घरेलू निवेश आ रहे हैं, जिससे फंड में उतार-चढ़ाव कम हो रहा है। FY26 में बाजार का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है, जिससे कंपनी को मार्केट वैल्यू में फायदा मिला है। अपनी पेरेंट बैंक के ब्रांड और मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का फायदा उठाकर HDFC AMC आगे चलकर और ज्यादा मार्केट शेयर और AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बढ़ा सकती है।
Jubilant ने मुश्किल माहौल के बावजूद अच्छी ग्रोथ दिखाई है। कंपनी लगातार स्टोर्स बढ़ा रही है और पिछले चार तिमाहियों से इसकी सेल्स में लगातार बढ़त हुई है, जबकि बाकी कंपनियां पीछे रह गईं। कंपनी का ध्यान सस्ते मेन्यू, फ्री डिलीवरी और अपने ऐप व डिलीवरी नेटवर्क से लागत कम करने पर बना हुआ है। 2028 तक 1,000 नए स्टोर खोलने की योजना है, जिससे डिलीवरी और मुनाफा दोनों बढ़ने की उम्मीद है।
Sapphire Foods के साथ संभावित मर्जर से Devyani International को बड़ा फायदा हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब Sapphire का वैल्यूएशन सुधरा है और उसकी कॉरपोरेट लागत भी कम हुई है। हाल की तिमाही के नतीजे शायद सबसे निचले स्तर पर थे, यानी अब से सुधार शुरू हो सकता है। ग्राहकों की बढ़ती खरीदारी और सस्ते प्रोडक्ट लॉन्च के चलते, अगले दो साल में इसकी औसत रोजाना बिक्री 10% तक बढ़ सकती है।