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इक्विटी योजनाओं में होगा रिकॉर्ड निवेश

Last Updated- December 12, 2022 | 3:03 AM IST

इक्विटी म्युचुअल फंड जून में लगातार चौथे महीने शुद्ध निवेश दर्ज कर सकता है। पिछले एक साल में मजबूत रिटर्न और टीकाकरण के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों ने निवेशकों को इक्विटी म्युचुअल फंडों में अपना निवेश जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया है।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि जून में निवेश निकासी का दबाव घटा है और नई बिक्री में खासी बढ़ोतरी हुई है। सुंदरम म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक सुनील सुब्रमण्यम ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान कुछ चिंता थी। लेकिन जल्द ही मामला सुलझ गया और टीकाकरण के मोर्चे पर अच्छी खबर है। अर्थव्यवस्था में भी तेजी से सुधार हुआ है। धीरे-धीरे खुदरा निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार में भरोसा लौट रहा है।
इक्विटी की ज्यादातर उप-श्रेणियों मसलन लार्जकैप फंडों, फ्लेक्सी-कैप फंडों और मिडकैप फंडों में जून में माह दर माह के आधार पर प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी हुई है। जिन उप श्रेणियों की परिसंपत्तियों में सबसे ज्यादा उछाल दर्ज हुई वे हैं फ्लेक्सीकैप फंड व मिडकैप फंड। फ्लेक्सीकैप फंडों की श्रेणी में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां मई 2021 के 1.70 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से मिली। मिडकैप श्रेणी में एयूेम 7,844 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 1,34 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सुब्रमण्यम ने कहा, निवेशकों का भरोसा बढ़ा है क्योंकि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का रिटर्न सकारात्मक हो गया है।
पिछले एक साल में लार्जकैप फंडों ने औसतन 51 फीसदी रिटर्न दिया है, वहीं मिडकैप व स्मॉलकैप फंडों ने क्रमश: 75.5 फीसदी व 104 फीसदी रिटर्न दिया है।
उद्योग के प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि एसआईपी के जरिए कई निवेशकों ने अपना निवेश जारी रखा जबकि बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया और उन्होंने पिछले साल की तरह मुनाफावसूली नहीं की।
जुलाई 2020 और फरवरी 2021 के बीच इक्विटी योजनाओं से कुल मिलाकर 46,700 करोड़ रुपये की निवेश निकासी हुई क्योंकि बेंचमार्क सेंसेक्स में इस अवधि में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई। हालांकि पिछले तीन महीनों में इक्विटी योजनाओं में सुधार हुआ है और इनमें करीब 22,600 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
इक्विटी फंडों में निवेश जारी रहने की एक और वजह यह है कि मौजूदा परिदृश्य में इक्विटी, डेट फंडों के मुकाबले बेहतर रिटर्न दे रहा है। हालांकि भारतीय बाजारों के मूल्यांकन को देखते हुए निवेशकों को अल्पावधि के फायदे के लिए बाजार में नहीं उतरना चाहिए।
मुंबई के म्युचुअल फंड वितरक ऋषभ देसाई ने कहा, अर्थव्यवस्था की स्थिति और कोविड की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए बाजार में उतारचढ़ाव व गिरावट का जोखिम है। ऐसे परिदृश्य व ज्यादातर आबादी को टीका लगने तक हम निवेशकों को सिर्फ एसआईपी के जरिए निवेश जारी रखने की सलाह दे रहे हैं। उन्हें अभी एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए।

First Published - July 2, 2021 | 11:50 PM IST

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