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बॉन्ड में तेजी शेयर बाजार पर भारी पड़ी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:46 AM IST

अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढऩे से आज दुनिया भर के बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। घरेलू बाजार में 9 महीने में सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट दर्ज की गई। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड 1.61 फीसदी तक बढ़ गया जो महीने की शुरुआत में 1.08 फीसदी पर था। इससे निवेशकों को मौद्रिक नीति में नरमी का दौर खत्म होने का डर सताने लगा है। अमेरिका ही नहीं ज्यादातर देशों में महामारी के बाद मुद्रास्फीति बढऩे की आशंका से सरकारी बॉन्डों का प्रतिफल बढ़ा है।
बेंचमार्क सेंसेक्स 1,939 अंक लुढ़क कर 49,100 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 568 अंक के नुकसान के साथ 14,529 पर बंद हुआ। 4 मई, 2020 के बाद सेंसेक्स में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। जापान के निक्केई को छोड़कर अधिकतर वैश्विक बाजारों की तुलना में देसी बाजार सबसे ज्यादा गिरे। निक्केई करीब 4 फीसदी नुकसान पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पहले तक फरवरी में भारतीय बाजार का प्रदर्शन वैश्विक बाजारों की तुलना में बेहतर रहा था। ऐसे में इसमें ज्यादा गिरावट आई है। फरवरी में सेंसेक्स करीब 13 फीसदी बढ़ा था। पिछले हफ्ते यह 52,154 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। अब सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से करीब 6 फीसदी नीचे आ गया है, लेकिन कुल मिलाकर फरवरी में यह 6 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर बॉन्ड प्रतिफल में तेजी बनी रही तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। हालांकि कुछ का मानना है कि अमेरिका में गुरुवार को हुई बिकवाली के पीछे तकनीकी कारण है और प्रतिफल 1.5 फीसदी से नीचे आ गया है। मार्सेलस इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘बाजार में गिरावट मुख्य तौर पर मनोवैज्ञानिक वजहों से आई है क्योंकि फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति बढऩे या नकदी की आपूर्ति कम करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। कुछ निवेशकों द्वारा मुद्रास्फीति बढऩे और बॉन्ड में तेजी की अटकल लगाए जाने से बाजार में उथल-पुथल मची है।’
वैलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्योतिवद्र्घन जयपुरिया ने कहा कि बाजार में काफी तेजी आई थी और वह गिरावट का माकूल कारण तलाश रहा था। उन्होंने कहा, ‘फरवरी में बाजार का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और गिरावट का बहाना तलाशा जा रहा था। अर्थव्यवस्था में सुधार और टीकाकरण में तेजी आगे भी बाजार के लिए अच्छी साबित होंगी। बॉन्ड प्रतिफल अब तक के सबसे निचले स्तर पर थे और उनमें तेजी आनी ही थी।’
बाजार के भागीदारों का कहना है कि अमेरिका द्वारा सीरिया पर हवाई हमले किए जाने की खबर से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। इसके साथ ही घरेलू निवेशक कुछ अहम आर्थिक आंकड़ों के आने से पहले सतर्कता बरत रहे थे।
ओएनजीसी में सबसे ज्यादा 6.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 6.35 फीसदी और ऐक्सिस बैंक में 5.98 फीसदी की गिरावट आई। बाजार में उतार-चढ़ाव आंकने वाला पैमाना इंडिया विक्स आज 23 फीसदी बढ़कर 28.14 पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि विक्स में तेजी से आगे और गिरावट की आशंका बनी हुई है।

First Published : February 26, 2021 | 11:09 PM IST