पिछले पांच कारोबारी सत्रों में लगातार गिरावट के बाद आज शेयर बाजार में बढ़त देखी गई। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच निवेशकों द्वारा गिरावट पर शेयरों की लिवाली से बाजार में तेजी आई है। हालांकि निवेशक अभी सतर्कता बरत रहे हैं क्योंकि अमेरिकी मौद्रिक नीति पर अगले कदम के लिए फेडरल ओपन मार्केट समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई है।
बेंचमार्क सेंसेक्स सुबह गिरावट के साथ खुला और 1,082 अंक तक नीचे चला गया लेकिन बाद में इसने जोरदार वापसी की। अमेरिकी बाजार में भी सोमवार को ऐसा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। सेंसेक्स 367 अंक चढ़कर 57,858 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 129 अंक ऊपर 17,278 पर बंद हुआ।
पिछले पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी 6 फीसदी से ज्यादा टूट चुका था। इससे निवेशकों को करीब 20 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी थी। अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढऩे के मद्देनजर वैश्विक निवेशकों द्वारा जोखिम वाली संपत्तियों से निवेश निकाले जाने के कारण बाजार में गिरावट आई थी। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले दो हफ्ते में करीब 3 अरब डॉलर की बिकवाली की है।
विश्लेषकों का कहना है कि आज की बढ़त बाधाओं के साथ तकनीकी सुधार है क्योंकि विदेशी निवेशकों की बिकवाली से चिंता बरकरार है। अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘शार्ट-कवरिंग के कारण तेजी दर्ज की गई। कल तेज गिरावट देखी गई थी। लोग सोच रहे हैं कि बाजार में और गिरावट आएगी, ऐसे में उन्होंने अपनी शार्ट पोजिशन कवर की है। फेडरल रिजर्व की घोषणा कल आ सकती है और इसके बाद बजट को लेकर उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। यूक्रेन पर भी चिंता बनी हुई है।’ रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा पर फौज तैनात किए जाने के जवाब में अमेरिका ने नाटो सेनाओं की मदद के लिए 8,500 सैनिकों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
उधर कच्चे तेल के दाम में सोमवार को 1.7 फीसदी गिरावट के बाद आज फिर थोड़ी तेजी देखी गई। निवेशकों की नजरें फेडरल रिजर्व की बैठक पर टिकी हैं। अमेरिका का केंद्रीय बैंक मार्च तक ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। इससे इक्विटी बाजार पर व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि महामारी के बाद मौद्रिक प्रोत्साहनों के दम पर ही बाजार सरपट भाग रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि फेडरल रिजर्व जब मुद्रास्फीति को काबू में करने की योजना स्पष्ट नहीं कर देता है तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। इसके साथ ही अगले हफ्ते आम बजट आने वाला है, जो उतार-चढ़ाव का एक और कारण हो सकता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में अभी और गिरावट आ सकती है।